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Tuesday, November 18, 2025

48 घंटे तक गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ और…, जानें क्या-क्या होता है कार्तिक पूर्णिमा के दिन

डेस्क। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा (Kartik Purnima) को मनाई जाती है। यह त्योहार सिख समुदाय के लिए समानता, प्रेम और सेवा का प्रतीक है, जिसे ‘गुरुपर्व‘ या ‘प्रकाश पर्व‘ भी कहा जाता है। सिख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरु, श्री गुरु नानक देव जी की जयंती को पूरे विश्व में ‘गुरुपर्व‘ या ‘प्रकाश पर्व‘ के रूप में मनाया जाता है।

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इस साल गुरु नानक देव की जयंती 5 नवंबर को मनाई जा रही है; जो की इनकी 556वीं वर्षगांठ है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्री गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा वर्ष 1469 को हुआ थ। तभी से लेकर हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन उनका प्रकाश पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

प्रकाश पर्व से दो दिन पहले “अखंड पाठ साहिब” मनाया जाता है, जिसमें 48 घंटे तक लगातार गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है। यह पाठ गुरु नानक जी के प्रकाश पर्व के दिन समाप्त होता है। इस दिन नगर कीर्तन का आयोजन होता है, जिसमें सिख समुदाय के लोग शबद-कीर्तन गाते हैं। एक सजे हुए नगर कीर्तन में गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में रखा जाता है।

सभी गुरुद्वारों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कीर्तन और प्रवचन होते हैं, जहाँ गुरु नानक देव जी के उपदेशों और जीवन गाथा का वर्णन किया जाता है, जिससे श्रद्धालु प्रेरणा प्राप्त करते हैं। इस दिन गुरुद्वारों में विशेष लंगर का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी धर्मों और जातियों के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। इस अवसर पर घरों में दीप जलाए जाते हैं और सभी गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया जाता है।

Tag: #nextindiatimes #KartikPurnima #GuruNanakJayanti2025

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