प्रयागराज। आज महाकुंभ (Maha Kumbh) का 33वां दिन है। 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 49.14 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। अब यह दुनिया का सबसे बड़ा समागम बन चुका है। अब तक किसी भी धर्म में 31 दिनों में 49.14 करोड़ श्रद्धालु (devotees) कहीं नहीं जुटे हैं। यह अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड (world record) है। इसी के साथ अगले 4 दिनों में 4 और भी विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहे हैं।
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Maha Kumbh में 14 फरवरी को 15 हजार सफाईकर्मी 10 किलोमीटर के संगम क्षेत्र की एक साथ सफाई करेंगे। गंगा घाटों पर कर्मियों की तैनाती की गई है। कुंभ 2019 में भी 10 हजार सफाई कर्मचारियों ने एक साथ झाड़ू लगाकर विश्व रिकॉर्ड (world record) बनाया था। 15 फरवरी को 300 कर्मचारी नदी की सफाई का अभियान चलाएंगे। यह भी नया कीर्तिमान होगा। 6 फरवरी को त्रिवेणी मार्ग पर ई-रिक्शा की सबसे लंबी परेड होगी।17 फरवरी को सिंगल ईवेंट में 10 हजार लोगों से हैंडप्रिंट्स लिए जाएंगे।
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बता दें कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की 3 सदस्यीय टीम ने 2019 में भी (Maha Kumbh) संगम का दौरा किया था। 28 फरवरी से 3 मार्च के बीच आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में काफी संख्या में लोग शामिल हुए थे। 7000 से अधिक विद्यार्थियों ने अपने एक हाथ की छाप लगाई थी। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान दिया गया था।
महाकुंभ (Maha Kumbh) में तीन विश्व रिकॉर्ड के माध्यम से दुनिया को स्वच्छता एवं पर्यावरण सरंक्षण का संदेश दिया जाएगा। नदी के किनारे एवं जलधारा में अलग-अलग सफाई अभियान का रिकॉर्ड बनेगा। मेला प्राधिकरण इस बार अपना ही एक रिकॉर्ड तोड़ेगा। वहीं दो अन्य रिकॉर्ड पहली बार बनेंगे।
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