कश्मीर। जम्मू और कश्मीर के कुलगाम (Kulgam) जिले में मारे गए चार आतंकवादी (terrorists) एक घर में छिपे हुए थे। उन्होंने घर के भीतर अलमारी के भीतर ‘बंकर’ (bunker) जैसा ठिकाना बना रखा था। सुरक्षा बलों ने एक एंटी-टेररिस्ट ऑपरेशन के दौरान आतंकियों (terrorists) के इस ‘बंकर’ को ढूंढ निकाला।
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कुलगाम (Kulgam) के चिन्निगाम में मारे गए सभी आतंकवादी (terrorists) हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हुए थे। मारा गया टीआरएफ कमांडर आदिल हुसैन वर्ष 2022 में शोपियां (Shopian) में सेब के बाग में कश्मीरी हिंदू सुनील कुमार की टारगेट किलिंग सहित दर्जनों वारदात में शामिल था। दोनों मुठभेड़ में अब तक कुल छह आतंकी मारे जा चुके हैं। एक मुठभेड़ चिनीगाम और दूसरी कुलगाम से चार किलोमीटर दूर मुदरगाम में चल रही है।
मुदरगाम में आतंकियों (terrorists) की मौजूदगी की सूचना पर सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने घेराबंदी और तलाशी अभियान (search operation) शुरू किया था। जैसे ही सुरक्षाबल ने घेराबंदी की तो भीतर छिपे आतंकियों (terrorists) ने गोलीबारी शुरू कर दी थी। कुलगाम (Kulgam) के चिनीगाम क्षेत्र जिस घर में आतंकी छिपे थे, वहां उन्होंने अलमारी के पीछे तहखाना (basement) बना रखा था। मुठभेड़ में हिजबुल के चारों आतंकियों के मारे जाने के बाद सुरक्षाबलों ने घर के अंदर तलाशी ली तो उन्हें तयखाना मिला। इसका इस्तेमाल आतंकी हथियार व गोलाबारूद छिपाने के लिए करते थे।
उधर जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने रविवार को कहा, “…जहां तक पड़ोसी देश की बात है, उन्हें भी समझना चाहिए कि अगर वे दोस्ती रखेंगे तो दोनों आगे बढ़ेंगे। अगर दुश्मनी रखेंगे तो उनकी तरक्की कमजोर होगी। यह उनकी कमजोरी है और देखिए उनकी क्या हालत है। इसलिए जरूरी है कि वे भी सोचें कि आतंकवाद (terrorists) उन्हें कहीं नहीं ले जाएगा।
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