महंगाई में 1200 रुपये में कैसे आयेंगे यूनिफार्म, जूता, मोजा, स्वैटर, स्कूल बैग एवं अन्य जरूरी सामान: उमाशंकर पांडेय
उत्तर प्रदेश की गैर कांग्रेसी सरकारों में प्राथमिक शिक्षा का स्तर दिनों दिन गिरता गया और प्राईवेट स्कूलों की भीड़ बढ़ती गयी। कांग्रेस की सरकारों के दौर में जहां प्राथमिक शिक्षा की प्रत्येक कक्षा में एक शिक्षक की नियुक्ति होती थी वहीं आज तमाम विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे चल रहें हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री जी द्वारा ‘‘वर्ष 2017 के पहले 70 फीसदी बच्चों के नंगे पैर स्कूल जाने’’ की बात उनका बड़बोलापन है, और वह बयानों से वीर बनने का प्रयास कर रहें हैं।

लखनऊ (आरएनएस)
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ0 उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि लखनऊ में शिक्षकों के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने तमाम बड़ी-बड़ी बातें की लेकिन जमीनी हकीकत उनके बयानों से भिन्न है। प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी है। आदर्श व्यवस्था के तहत एक शिक्षक के ऊपर 40 से अधिक बच्चों का बोझ नहीं होना चाहिए, बच्चों की संख्या 121 से 200 के बीच होने पर 5 शिक्षक बच्चों को पढ़ा सकते हैं। लेकिन शिक्षकों की व्यापक कमी के चलते यह महज एक सपना बनकर रह गया है। योगी सरकार ने बीच-बीच में शिक्षा के बजट में व्यापक कटौतियां भी की, वर्ष 2020-21 के शिक्षा बजट में 191 करोड़ रूपये की बड़ी कटौती की गयी थी। योगी सरकार द्वारा षिक्षकों की व्यापक कमी की हो रही आलोचनाओं के दबाव में आयोजित 69 हजार शिक्षकों की भर्ती भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी, और इससे संबंधित तमाम मामले न्यायलय में विचाराधीन हैं। योगी के कार्यकाल के दौरान आयी एनसएओ ( नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस ) की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश देश में सबसे कम साक्षरता वाले राज्यों में नीचे से दूसरे स्थान पर है जबकि मध्य प्रदेश नीचे से पहले स्थान पर है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भी उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर की स्थिति कमोबेश यही थी। उन्होंने कहा कि योगी जी ने प्रत्येक बच्चे को यूनिफार्म, जूता, मोजा, स्वैटर, स्कूल बैग एवं अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए 1200 रुपये आवंटित किये हैं वह बताएं कि महंगाई के इस दौर में यह कैसे संभव है।
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