वित्त मंत्री मती निर्मला सीतारमण ने जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नर्सों के साथ की बैठक, जानिए क्या फैसले लिए गए?

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज इटली की अध्यक्षता में जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नर्स (एफएमसीबीजी) की दूसरी वर्चुअल बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को पटरी पर लाने के लिए वैश्विक चुनौतियों से निपटने को लेकर नीतिगत उपायों पर चर्चा की गई।

जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों ने कोविड-19 से निपटने को लेकर जी20 एक्शन प्लान के अपडेट पर चर्चा की। बैठक में सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं की वित्तीय जरूरतों को समर्थन देने के अलावा अंतरराष्ट्रीय कराधान के एजेंडे, हरित उपायों को बढ़ावा देने और महामारी से संबंधित वित्तीय नियमन से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

सीतारमण ने सभी जी20 सदस्यों से वैक्सीन की समान पहुंच और व्यापक वितरण सुनिश्चित करने का आग्रह किया। वित्त मंत्री ने बताया कि भारत तेजी से घरेलू टीकाकरण का बड़ा अभियान चला रहा है। यह महामारी के दौरान विशेष रूप से टीके और चिकित्सा उत्पादों के एक प्रमुख वैश्विक उत्पादक के रूप में उभरा है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि भारत में अब तक टीकाकरण अभियान के तहत 87 मिलियन से ज्यादा नागरिकों को टीके की खुराक उपलब्ध कराई गई है और 84 देशों को 64 मिलियन से ज्यादा खुराक की आपूर्ति की गई है जिसमें 10 मिलियन खुराक अनुदान के रूप में हैं। वित्त मंत्री ने महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए वित्तपोषण पर बने जी20 के उच्चस्तरीय स्वतंत्र पैनल से ऐसे देश के अनुभव लेने को कहा।

सीतारमण ने वैश्विक विकास अनुमानों की बात की और वायरस से जुड़ी अनिश्चितताओं के बीच निरंतर समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित किया। वित्त मंत्री ने कहा कि जी20 एक्शन प्लान ने एक अच्छे मार्गदर्शक उपकरण के रूप में कार्य किया है और रिकवरी हासिल करना इसके वर्तमान अपडेट का मुख्य उद्देश्य है।

जलवायु परिवर्तन पर जी20 की चर्चाओं पर गौर करते हुए श्रीमती सीतारमण ने जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर पेरिस समझौते के तहत की गई प्रतिबद्धताओं पर प्रगति की आवश्यकता पर जोर दिया। श्रीमती सीतारमण ने सुझाव दिया कि हरित उपायों के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के कोष प्रवाह के साथ-साथ इस पर ध्यान देने की जरूरत है कि विकासशील और कम आय वाले देशों के लिए विकास बहाली तात्कालिक चुनौती है। गरीब देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मदद के लिए वित्त मंत्री ने कर्ज की किस्त चुकाने की मोहलत दिए जाने की पहल को छह महीने बढ़ाकर दिसंबर 2021 किए जाने की बात की।

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