नई संसद में ‘सेंगोल’ पर ही कांग्रेस ने उठाए सवाल, आज होगी SC में सुनवाई

डेस्क। नए संसद भवन के उद्घाटन विवाद में अब सेंगोल की एंट्री हो गई है। कांग्रेस ने नए संसद भवन में सेंगोल पर ही सवाल उठा दिए हैं। कांग्रेस का कहना है कि सेंगोल सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक नहीं है। कांग्रेस का कहना है इससे जुड़े सभी दस्तावेज दावें फर्जी और दिमागी उपज हैं।

सुप्रीम कोर्ट में आज लोकसभा सचिवालय को नए संसद भवन का उद्घाटन से जुड़ी याचिका पर सुनवाई होगा। याचिका में नई संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि प्रतिवादी लोकसभा सचिवालय और भारत संघ–उन्हें (राष्ट्रपति को) उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं कर राष्ट्रपति को अपमानित कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि कि राष्ट्रपति देश की प्रथम नागरिक और इस लोकतांत्रिक संस्था की प्रमुख हैं।

दरअसल 18 मई 2023 को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नई संसद भवन का उद्घाटन करने का निमंत्रण दिया। उद्घाटन की तारीख 28 मई 2023 और जबसे इस तारीख का ऐलान हुआ है विवाद तभी से शुरू हुआ। पहले विवाद हुआ तारीख को लेकर। 28 मई को विनायक दामोदर सावरकर का जन्म दिवस होता है। मोदी सरकार सावरकर को स्वातंत्र्यवीर बताती है, जबकि विपक्षी पार्टियां आजादी की लड़ाई में उनके योगदान पर सवाल उठाती हैं। विपक्ष हमेशा से बीजेपी पर सावरकर को लेकर हमलावर भी रहा है। ऐसे में नई संसद का उद्घाटन, सावरकर के जन्म दिवस पर करने के फैसला भी विपक्षी दलों के निशाने पर रहा। लेकिन इस पर बड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया और कहा,-“नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!”

इसके बाद विवादों की झड़ी लग गयी। विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर बृहस्पतिवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार के ‘अहंकार’ ने संसदीय प्रणाली को ‘ध्वस्त’ कर दिया है।प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के ‘अहंकार’ ने संसदीय प्रणाली को ‘ध्वस्त’ कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में करीब 25 राजनीतिक दलों के शामिल होने की संभावना है। वहीं करीब 21 दलों ने समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 18 घटक दलों के साथ ही सात गैर-राजग दल समारोह में शामिल होंगे। बहुजन समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (सेक्यूलर), लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल और तेलुगू देशम पार्टी समारोह में शामिल होने वाले सात गैर-एनडीए दल हैं। इन सात दलों के लोकसभा में 50 सदस्य हैं।

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