उमेश पाल हत्याकांड में नया खुलासा, कहीं डेढ़ बीघे जमीन की वजह से तो नहीं हुई हत्या?

प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड की जांच आगे बढ़ रही है। हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं।अब उमेश की हत्या के पीछे एक करोड़ रुपये की रंगदारी का मामला सामने आया है। पूर्व सांसद बाहुबली अतीक अहमद के गुर्गों ने उमेश से एक करोड़ की रंगदारी मांगी थी। उमेश ने रंगदारी देने से इन्कार दिया था। अतीक के जिन गुर्गों के नाम उमेश की हत्या करने में लिखाए गए हैं वही नाम उमेश की रंगदारी में दर्ज कराई गई एफआईआर में भी शामिल थे।

बीती 24 फरवरी को धूमनगंज थाना क्षेत्र में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर और बम मारकर हत्या कर दी गयी थी। बाद में उमेश द्वारा अपहरण के केस में की जा रही पैरवी को उसकी मौत की वजह बताया गया था। मगर यूपी एसटीएफ और पुलिस इसे सिरे से खारिज कर चुकी है। एसटीएफ और पुलिस अब 7 महीने पहले अतीक के गुर्गों के द्वारा जमीन विवाद में मांगी गई एक करोड़ की रंगदारी को उमेश की हत्या की मुख्य कारण के तौर पर देख रही है। पुलिस इसको लेकर जांच कर रही है।

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ज्ञात हो कि उमेश पाल ने 24 अगस्त 2022 को धूमनगंज थाने में एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में अतीक के 5 गुर्गों पर नामजद और 6 अज्ञात लोगों पर रंगदारी मांगने की एफआईआर भी दर्ज करवाई थी। उमेश ने धूमनगंज पुलिस से कहा था वह अपनी जमीन का कब्जा लेने जाता तो अतीक अहमद के गुर्गे इस जमीन को अपना बताते हैं। हर बार उसे धमका कर भगा दिया जाता है। मामला धूमनगंज थाना क्षेत्र के पीपल गांव में 3310 वर्ग मीटर यानी लगभग डेढ़ बीघा जमीन का था। उमेश ने कौशांबी के रहने वाले रामदीन की बेटी से यह जमीन 13 मार्च 2018 को खरीदी थी। इस जमीन पर कब्जे को लेकर उमेश का अतीक के गुर्गे खालिद जफर, मोहम्मद मुस्लिम, दिलीप कुशवाहा और अबू साद के साथ विवाद हुआ था।

सामने आया है कि 11 फरवरी 2022 को अतीक के गुर्गे खालिद जफर ने जमीन पर कब्जा शुरू किया था। उमेश जब वहां पहुंचे तो खालिद जफर ने उमेश को धमकाते हुए कहा था कि सांसद अतीक भाई का आदेश है, पहले एक करोड़ रुपए दे दो वरना इस जमीन को भूल जाओ। यदि जमीन पर बिना एक करोड़ दिए आया तो तू मारा जाएगा। उमेश की रंगदारी मामले में दर्ज कराई एफआईआर में गुड्डू मुस्लिम नाम है। उमेश की हत्या में भी गुड्डू आरोपी है और गुड्डू के साथ मोहम्मद गुलाम और साबिर का नाम चर्चा में है। दोनों प्रॉपर्टी डीलर हैं और अतिक के बेहद करीबी हैं। जांच कर रही पुलिस टीम भी उमेश की हत्या के पीछे इस जमीन विवाद को एक महत्वपूर्ण वजह मान रही है।

पुलिस ने दावा किया है कि गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद ने सात में दो शूटरों को भी भेजा था। पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में शामिल कुछ और लोगों की पहचान मोहम्मद गुलाम और गुड्डू मुस्लिम के तौर पर की है। गुलाम के बारे में पुलिस सूत्रों का कहना है कि वो उमेश पाल के घर के बगल में मौजूद एक इलेक्ट्रॉनिक की दुकान पर खड़े होकर ट्रिमर खरीदने का नाटक कर रहा था और जैसे ही उमेश पाल वहां पहुंचा, उसने दुकान से बाहर आकर फायरिंग शुरू कर दी।गुलाम को प्रयागराज के रसूलाबाद का रहने वाला बताया गया है और पुलिस फिलहाल उसकी बीवी और भाई से पूछताछ कर रही है।

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