लोक कलाओं का संरक्षण जरूरी – जयवीर सिंह

लोक कलाओं का संरक्षण जरूरी - जयवीर सिंह

लोक कलाओं का संरक्षण जरूरी – जयवीर सिंह
चार व्यक्तियों/ समूहों को प्रोत्साहन के रूप में प्रदान की गयी है 05-05 लाख रूपये की आर्थिक सहायता
प्रदेश में विलुप्त होती जा रही स्वदेशी कला, संगीत, हस्तकला, लोक नृत्य एवं विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को पुनर्जीवित करने एवं उनका गौरव बहाल करने के उद्देश्य पर पर्यटन नीति- 2018 के अन्तर्गत चार व्यक्तियों/ समूहों को 05-05 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रोत्साहन के रूप में प्रदान की गयी है।
यह जानकारी प्रदेश के कैबिनेट मंत्री पर्यटन एवं संस्कृति जयवीर सिंह ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि यह आर्थिक सहायता नटराज कल्याण समिति, दीवारी लोक नृत्य, बांदा, श्रीमती आस्था गोस्वामी, ब्रज का रास संगीत मथुरा, अतुल यदुवंशी, नौटंकी, प्रयागराज तथा श्रीमती मोहिनी, ललितपुर को राई लोक नृत्य को प्रोत्साहित करने के लिए दी गयी है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि 2017 के बाद सत्ता में आने के बाद प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने विलुप्ति के कगार पर पहुँच चुकी स्वदेशी कलाओं, संगीत, नृत्य तथा व्यंजनों को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटन नीति-2018 में प्राविधान कराया। इसके तहत इन कलाओं में लगे हुए व्यक्तियों एवं समूहों को आर्थिक सहायता प्रदान करे इन कलाओं को संरक्षण दिया जा रहा है।
जयवीर सिंह ने कहा कि दीवारी लोक नृत्य, ब्रज का रास, नौटंकी तथा राई लोकनृत्य अपने-अपने क्षेत्रों में जनमानस के बीच काफी लोकप्रिय है। लेकिन समय के चलते यह लोककलाएं धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। राज्य सरकार इन लोक कलाओं जीवित रखने के लिए प्रयासरत है। इसी दिशा में इनकों अनुदान देकर प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया है।
ये लोककलाएं भारतीय समृद्ध विरासत एवं परम्पराओं का हिस्सा है। इनमें पर्व, त्यौहारों, ग्रामीण जनजीवन तथा स्थानीय मिट्टी की सौंधी महक बसी हुई होती है। इन लोककलाओं को अगली पीढ़ी के लिए संरक्षित करना जरूरी है। इसलिए राज्य सरकार पर्यटन विभाग के माध्यम से इन कलाओं से जुड़े हुए कलाकारों को अनुदान की व्यवस्था की है।

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