ये हैं धरती के ‘भगवान’, डॉक्टरी के साथ निभा रहे हैं सामाजिक जिम्मेदारी

कहा जाता है कि भगवान के बाद अगर धरती पर किसी को भगवान का दर्जा दिया जाता है तो वह हैं डॉक्टर। डॉक्टर जहां एक तरफ मरीजों का इलाज करके रोगी को नई जिंदगी दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बहुत से ऐसे डॉक्टर हैं जो न सिर्फ अस्पताल के भीतर मरीजों को नई जिदंगी दे रहे हैं बल्कि अस्पताल के बाहर भी समाज की सेवा करके अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

लक्ष्य केंसर हॉस्पिटल के डॉक्टर नवल किशोर शाक्य अंतरराष्ट्रीय केंसर सर्जन हैं जिनके लखनऊ और कायमगंज(फर्रुखाबाद) में केंसर के हॉस्पिटल हैं। डॉ. नवल किशोर शाक्य बताते हैं कि जो अच्छा इंसान होता है वह एक अच्छा डॉक्टर भी जरूर होगा क्योंकि डॉक्टरी पेशे में इंसानियत बहुत जरूरी होती है। यही बात हमेशा से मैं अपने सभी चाहने वालों और सहयोगियों को भी समझाता हूं। मुझे याद है, लगभग एक साल जब सर्दियों के दिन थे तब मैं अपने फर्रुखाबाद स्थिति अस्पताल से लखनऊ लौट रहा था तब लखनऊ एक्सप्रेस-वे टोल के करीब मैंने नंगे पैर चाय बेचते एक बच्चे को देखा। मैंने उस 15 वर्षीय चाय बेचते बच्चे के बारे में जानना चाहा तो पता चला कि वह बेहद गरीब है और उसके घर में केवल उसकी मां रहती हैं। तभी मैंनें उस बच्चे की आर्थिक मदद की और उसको स्कूल जाने के लिए प्ररित किया।

डॉ. नवल किशोर शाक्य आगे बताते हैं कि समाज सेवा का यह भाव उनको स्कूल के दिनों से ही था और समाज सेवा की यह प्रेरणा उनको माताजी व पिताजी से मिली है जो आज भी बरकरार है। कोराना काल में अब तक डॉ. नवल किशोर शाक्य ने हजारों लोगों को कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क और रोजमर्रा के खाने का राशन मुहैया कराया है।

धार्मिक रूप से डॉ. नवल किशोर शाक्य बौद्ध धर्म से संबंध रखते हैं और फर्रुखाबाद जिले में स्थित बौद्ध स्थल संकिसा में स्थिति बौद्ध भंतों की समय-समय पर आर्थिक मदद भी करते हैं। डॉ. नवल किशोर शाक्य की मानें तो इससे वह न सिर्फ बौद्ध धर्म का प्रचार कर रहे हैं बल्कि लोगों से बौद्ध धर्म से जुड़ने की अपील भी कर रहे हैं। सेवा की यह भावना उनको बुद्ध धर्म से ही उनको सीखने को मिली है।