आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का टूटने लगा धैर्य, राज्य सरकार ने दी चेतावनी

कोरबा। महिला बाल विकास विभाग का छह सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका शुक्रवार को रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंची। यहां पहले वेतन वृद्धि को लेकर जमकर नारेबाजी की गई। महिलाएं कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी समस्या बताना चाहती थी, पर गेट बंद कर लिया गया था और पुलिस तैनात थी। आंदोलनकारियों को बाहर ही गेट के पास रोक लिया गया।
पिछले 22 दिन से कामबंद कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का धैर्य अब टूटने लगा है। राज्य सरकार ने काम पर लौटने की चेतावनी दी है, इसके बाद भी कार्यकर्ताओं ने आरपार की लड़ाई की ठान ली है। पहले ही किए गए ऐलान के मुताबिक धरना स्थल घंटाघर से रैली निकाल कर कलेक्टर कार्यालय तक पहुंची। यहां एसडीएम सीमा पात्रे मुख्य द्वार पर मौजूद रहीं। आंदोलनकारी महिलाओं ने दो टूक कह दिया कि कलेक्टर को ही विज्ञापन सौंपेंगी। कलेक्टर के अन्य कार्य में व्यस्त होने की जानकारी एसडीएम ने दी पर आंदोलनकारी महिलाएं कलेक्टर को ही ज्ञापन सौंपने की जिद पर अड़ गई और मुख्य द्वार को घेरकर धरने पर बैठ गईं। काफी देर तक नारेबाजी करने के बाद एसडीएम ने समझाइश दी और कलेक्टर तक उनकी समस्या को पहुंचाने का आश्वासन दिया, तब जाकर महिलाएं मानी और धरना समाप्त की।
यहां बताना होगा छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ,सँयुक्त मंच के प्रांतीय निर्णय अनुसार प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं कलेक्टर दर पर वेतन, सुपरवाइजर पद पर शत प्रतिशत कार्यकर्ताओं को लेने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रायमरी स्कूल के शिक्षक के रूप में दर्जा और वेतन देने, मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी करने, सेवा समाप्ति के बाद पांच लाख कार्यकर्ताओं को एक मुश्त राशि देने, काम करने के लिए मोबाइल देने, सहायिकाओं को कार्यकर्ता पद पर पदोन्नात करने सहित छह सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका 28 जनवरी से बेमियादी हड़ताल में हैं।
इसकी वजह से केंद्रों की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। जिसे देखते हुए शासन ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने 48 घंटे के भीतर काम पर लौटने का फरमान किया था। जारी आदेश में हड़ताल बंद न करने पर नौकरी से निकालने और सैलरी रोकने की बात कही गई है। साथ ही मानदेय का भुगतान लंबित रखा जाएगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के संयुक्त मंच द्वारा काम बंद आंदोलन का समर्थन करते हुए सीपीआई के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने अपने साथियों के साथ घंटाघर पहुंचकर रैली में शामिल होकर कलेक्ट्रेट तक पहुंचे। सचिव वर्मा ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं का छह सूत्रीय मांग बिल्कुल जायज है,उसे तत्काल राज्य सरकार को अपने वादे के अनुसार पूरा किया जाना चाहिए। इस दौरान भाकपा जिला परिषद सदस्य कमर बक्स, तबरेज अहमद, उषा देवी वर्मा, जरीना खातून, रीमा तिवारी, पुष्पा शुक्ला भी शामिल रहे।
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