रेल मंत्रालय में खत्म हुआ वीवीआईपी कल्चर, अब मंत्रियों को खुद करना होगा ये काम

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विभिन्न स्तरों पर वीवीआईपी कल्चर को खत्म करने के दृष्टिकोण के तहत अब केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक फैसला लिया है। दरअसल, मंत्रालय में फैसला लिया गया है कि अधिकारियों के कमरों में टेबल पर घंटी नहीं रहेगी। यहां तक कि मंत्री सेल में इस फैसले को लागू कर दिया गया है। खुद रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने कमरे से घंटी को हटवा दिया है।

इसी तरह सेल में मौजूद सभी अधिकारियों के कमरों से भी बेल हटा दी गई हैं। पर आप पूछ सकते हैं कि यदि अटेंडेंट को बुलाना हो तो कैसे बुलाया जाएगा? तो इसके लिए बताया गया है कि खुद मंत्री या अधिकारियों को उठकर कमरे से बाहर जाना होगा और अटेंडेंट को बुलाना होगा। बहुत अधिक व्यस्त होने के कारण यदि वे उठकर नहीं जा सकते तो फिर उन्हें फोन का सहारा लेना होगा। हर कार्य को कराने के लिए उन्हें या तो खुद उठकर चपरासी को बुलाना होगा या फिर उन्हें ऑफिस में फोन करके चपरासी या किसी अन्य जूनियर कर्मचारी को बुलावा भेजना होगा।

अभी तक यह फैसला मंत्री सेल में लागू हुआ है। इसके बाद संभावना है यही फैसला जल्द ही रेलवे बोर्डस में भी लागू होगा। वहां भी अधिकारियों के कमरों से घंटियां हटा दी जाएंगी और उन्हें भी किसी भी काम के लिए किसी कर्मचारी को बुलाने के लिए खुद उठकर कमरे से बाहर जाना पड़ेगा।

गौरतलब है कि इस समय रेलवे कई बदलाव कर रहा है। वंदे भारत ट्रेनों को पूरे देश में चलाने का प्रयास हो रहा है। अभी चल रही इन ट्रेनों से यात्रियों को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। रेलवे स्टेशनों का नवीनीकरण हो रहा है। इस समय सात वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। इन्होने 23 लाख किलोमीटर का अब तक सफर तय किया है। ये धरती के 58 चक्कर लगाने के बराबर है। इन ट्रेनों में अब तक 40 लाख से ज्यादा यात्री सफर कर चुके हैं।

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