निखत के जेल पहुंचते ही खिदमत में पहुंच जाते थे जेलर व डिप्टी जेलर

चित्रकूट। विधायक अब्बास अंसारी और निखत बानो के मामले में होली के दो दिन तक जांच नहीं हो सकी। अब फिर से कार्रवाई शुरू हो गई है। एसआईटी को पूछताछ में पता चला है कि जेलर-डिप्टी जेलर निखत के आते ही गेट व बैरक के पास पहुंचते थे। इसके बाद चर्चित वार्डर कमरे तक लाने का काम संभालता था। जिला जेल मामले को लेकर विवेचना होली के बाद फिर से शुरू हो गई है।
एसआईटी ने एक माह दस दिन का जेल गेट से लेकर विधायक अब्बास अंसारी के बैरक के पास लगने वाली डयूटी का विवरण एकत्र किया है। इसके बाद ड्यूटी वाले अधिकारियों व कर्मचारियों से पूंछताछ की गई। इसमें यह सामने आया कि जिस दिन निखत के जेल में आने का समय होता था, तो गेट व बैरक के पास पहले से तैनात डयूटी वाले अधिकारी-कर्मचारी के अलावा जेलर, चर्चित वार्डर व डिप्टी जेलर खुद गेट और बैरक के पास आ जाते थे। दस फरवरी को जिला जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र विधायक अब्बास अंसारी से गैरकानूनी ढंग से मिलने के आरोप में उसकी पत्नी निखत बानो व सहयोगी चालक नियाज को पकड़ा गया था। नियमों का उल्लंघन करने व आपत्तिजनक सामग्री की बरामदगी के बाद से एसटीएफ व एसआईटी की जांच जारी है।
इसमें जेल अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर, वार्डर के अलावा निखत का सहयोग करने वाले सपा नेता व कैंटीन सप्लायर को पुलिस विवेचना के आधार पर जेल भेज चुकी है। होली में दो दिन तक मामले की विवेचना नहीं हो सकी, लेकिन टीम अन्य संदिग्ध वार्डर व कर्मचारियों का डाटा एकत्र किया गया। उनके मोबाइल की जांच की गई है। उनके ड्यूटी वाले स्थान पर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से जानकारी एकत्र की गई। बताया गया कि शुक्रवार को जांच टीम ने फिर से आगे की कार्रवाई शुरू की है। निखत के जेल में पति अब्बास से गैरकानूनी ढंग से मिलने के दौरान एक जनवरी से दस फरवरी के बीच तैनात कर्मचारियों का ड्यूटी चार्ट मांगा गया है।
इन कर्मचारियों से पूरे मामले की जानकारी मांगी गई। सूत्रों के अनुसार कुछ कर्मचारियों ने बताया कि उनकी अलग-अलग दिनों में ड्यूटी लगती थी। इन्होंने बताया कि जब निखत या विधायक से मिलने कोई अन्य गैरकानूनी तरीके से आता था, तो दो घंटे के लिए इन स्थानों पर जेल के कुछ विशेष डिप्टी जेलर, वार्डर पहुंच जाते थे। उनसे ड्यूटी पर चुप रहने की हिदायत दी जाती थी। इन कर्मचारियों ने खुद को बचाने का प्रयास किया, लेकिन इसमें हिस्सेदारी मिलने के सवाल पर चुप्पी साध ली। सूत्रों के अनुसार इनमें से कुछ ने बताया कि चर्चित वार्डर इस भूमिका में सबसे प्रमुख पार्ट निभाता था।
जेल के चर्चित वार्डन जगमोहन का दबदबा ऐसा था कि शुक्रवार को जब पूछताछ हो रही थी, तो कई कर्मचारी उसका नाम लेने से कतरा रहे थे। कुछ ने स्पष्ट कहा कि उसे जरूर कोई राजनैतिक संरक्षण था इसके कारण जेल के अधिकारी भी उसकी बात मान जाते थे। गौरतलब है कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा है। उसके बारे में जांच टीम ने माना है कि जिस दिन डीएम एसपी का जेल में छापा पड़ा था उस दिन यही वार्डर विधायक अब्बास को डिप्टी जेलर के कमरे से लेकर बैरक में पहुंचा दिया था।
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