कानपुर में भी शुरू हुआ स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध, संतों ने फूंका पुतला

कानपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध थमने का नहीं ले रहा है। रविवार को कानपुर में अखिल भारतीय मठ मंदिर समिति के बैनर तले मौर्य के विरोध में संतों ने बड़ा प्रदर्शन किया। कानपुर के सभी प्रमुख मंदिरों के संतों ने एकजुट होकर मौर्य का पुतला फूंका। संतों ने मौर्य को कलयुग का रावण बताया।
रावण की तरह बनाया गया पुतला संतों ने घंटाघर स्थित भारत माता की मूर्ति के नीचे प्रदर्शन किया। सिद्धनाथ मंदिर के महंत चैतन्य अरुण महाराज (बाल योगी) ने बताया कि रामचरितमानस दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है। उस पर की गई टिप्पणी बेहद अशोभनीय है। ये हिंदुओं और संतों की आस्था से खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं संतों ने रावण की तरह स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला बनाकर फूंका। पुतले पर रावण की तरह मौर्य के भी 10 सिर बनाए गए थे।
घर-घर रामायण,हर घर रामायण का संकल्प-
संतों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी की गई। प्रदर्शन के दौरान संतों ने लोगों को घर-घर रामायण, हर घर रामायण का संकल्प भी दिलाया। उन्होंने कहा कि लोग घरों में रोजाना रामायण और रामचरितमानस जैसे ग्रंथों को पाठ करें और अपने बच्चों को भी इसके बारे में जानकारी दें।
पनकी धाम मंदिर के महंत जितेंद्र दास ने बताया कि हम सभी संत मिलकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर ये मांग करेंगे कि स्वामी प्रसाद मौर्या को सपा से निष्कासित किया जाए। रामचरितमानस का अपमान नहीं सहेगा, हिंदुस्तान जैसे नारों के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य के पुतले का दहन किया गया। पुतला फूंकने के साथ ही धर्मगुरुओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य की गिरफ्तारी की भी मांग उठाई।
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