केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज अपने मेघालय दौरे के दूसरे दिन सोहरा (चेरापूंजी) में हरित सोहरा वनीकरण अभियान की शुरुआत की।

अमित शाह ने ग्रेटर सोहरा जलापूर्ति योजना का भी उद्घाटन किया। अमित शाह ने वनीकरण और वृक्षारोपण के महत्व को रेखांकित करते हुए “सदाबहार पूर्वोत्तर” का नारा दिया। यह वनीकरण अभियान मेघालय सरकार द्वारा असम राइफल्स की मदद से चलाया जाएगा, इससे ईको-टूरिज्म को काफी फायदा होगा और राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात अर्धसैनिक बलों के कारण हमारा भारत अक्षुण्ण है, पिछले दो वर्षों से उन्होंने पर्यावरण सुधार की जिम्मेदारी भी ली है। आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ रही है। नरेंद्र मोदी जी ने देश में बड़ी संख्या में घरेलू गैस स्टोव तक पहुंचकर कार्बन उत्सर्जन को रोकने का काम किया है और आज भारत जलविद्युत और सौर ऊर्जा क्षेत्र में सबसे आगे है।
पेरिस समझौते में मोदी जी की प्रस्तावित कार्य योजना से पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और कार्बन उत्सर्जन के खिलाफ लड़ रही है। हम जो लड़ाई लड़ने जा रहे हैं, वह जिला पंचायत, तालुका पंचायत स्तर पर आम जनता के सहयोग के बिना सफल नहीं हो सकती, सभी पंचायतों से विभिन्न स्थानों पर अर्धसैनिक बलों द्वारा किए जा रहे वृक्षारोपण कार्यक्रमों में सहयोग करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना जल जीवन मिशन के तहत उत्तर-पूर्व विशेष अवसंरचना योजना के तहत दाता मंत्रालय और मेघालय सरकार ने ग्रेटर सोहरा जल परियोजना से ₹25 करोड़ की लागत से नल से हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना है। घर, देश का हर घर। काम किया जाना है। अगर पानी का स्रोत शुद्ध नहीं होगा तो मानव स्वस्थ नहीं रहेगा, इसलिए मोदी जी ने आजादी के 75 साल और मेघालय के 50 साल पूरे होने तक मेघालय और देश के हर घर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य लिया। असम राइफल्स का इतिहास है कि 180 साल में उन्हें जो भी काम दिया गया है, उसे उन्होंने पूरी लगन के साथ समय पर पूरा किया है।

गृह मंत्री की पहल पर शुरू हुए वृक्षारोपण अभियान के तहत आज सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) देश भर में पौधरोपण कर रहे हैं, जिसके तहत आज 16 लाख 31 हजार से अधिक पौधे लगाए जाएंगे।
वनीकरण अभियान मेघालय सरकार द्वारा असम राइफल्स की मदद से चलाया जाएगा। अमित शाह ने ग्रेटर सोहरा जलापूर्ति योजना का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर डोनर (DoNER) मंत्री जी. किशन रेड्डी, डॉ. जितेंद्र सिंह, विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और अंतरिक्ष विभाग, बीएल वर्मा, राज्य मंत्री, दाता मंत्रालय, कोनराड संगमा, मेघालय के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी भी मौजूद थे।

गृह मंत्री ने कहा कि पहले चेरापूंजी में साल भर बारिश होती थी, लेकिन विकास के नाम पर अंधाधुंध कटाई से स्थिति बदल गई है। उन्होंने कहा कि चेरापूंजी को फिर से हरा-भरा बनाने की महत्वाकांक्षी परियोजना आज से शुरू हो गई है। अमित शाह ने बताया कि चेरापूंजी के पूरे इलाके को वृक्षारोपण की दृष्टि से राइफल के रूप में गोद लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि चूंकि पेड़ों को ईंधन और अन्य उपयोगों के लिए काटा जाता है, कुल भूमि का 80% पारंपरिक और लंबे जीवन वाले पेड़ों के लिए लगाया जाएगा, शेष 20% का उपयोग पशु चारा, सजावटी पेड़ और नर्सरी के लिए किया जाएगा जो सभी को मिलेगा। आवश्यकताएं। लंबे जीवन वाले पेड़ों को काटने के कारणों को कम किया जा सकता है। इस तकनीक से बहुस्तरीय खेती की जाती है और जंगल 30 गुना तेजी से बढ़ता है और 3 साल बाद रखरखाव से मुक्त हो जाता है। शाह ने कहा कि इससे ईको टूरिज्म को काफी फायदा होगा, मेघालय के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
शाह ने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैनात अर्धसैनिक बलों की वजह से हमारा भारत बरकरार है। पिछले दो वर्षों से उन्होंने पर्यावरण सुधार की जिम्मेदारी भी ली है और अब तक एक करोड़ अड़तालीस लाख (1.48 करोड़) लगाए गए हैं जिसमें एक करोड़ छत्तीस लाख (1.36 करोड़) पौधे जीवित हैं। उन्होंने कहा कि इस साल भी रणनीति बनाकर विभिन्न क्षेत्रों में करीब एक करोड़ पौधे लगाए जाएंगे और अगले तीन साल में 1000 हेक्टेयर में 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
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