कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठे बिजली कर्मचारी, 72 घंटे तक हड़ताल की दी चेतावनी

सोनभद्र। ओबरा, अनपरा व राबर्ट्सगंज में विधुतकर्मियो का धरना लगातार जारी है। तीन माह पूर्व हुए समझौते को लागू कराने की मांग को लेकर बिजली कर्मचारियों ने बुधवार से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। राबर्ट्सगंज स्थित उपखंड कार्यालय के अलावा ओबरा और अनपरा परियोजना परिसर में धरने पर बैठे कर्मचारियों ने मांगों के समर्थन में नारे लगते हुए सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया।

वही बिजलीकर्मियों के हड़ताल पर जाने से प्रदेश में बड़ा बिजली संकट खड़ा हो सकता है। शीर्ष प्रबंधन पर मनमानी और कर्मचारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल को सफल बनाने के लिए एकजुट दिख रहे है बिजलीकर्मी। हालांकि वही हड़ताल से निपटने के लिए सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। बिजली कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं। सोनभद्र के डीएम चन्द्र विजय सिंह कंट्रोल रूम पर नजर बनाए हुए है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा शीघ्र प्रबंधन की हठवादिता के कारण कर्मचारियों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ा है। तीन माह पहले हुए लिखित समझौते को 15 दिनों में लागू करने का आश्वासन दिया गया था, मगर अब तक एक भी बिंदु का अनुपालन नहीं हो पाया। 16 मार्च की रात से होने वाली हड़ताल के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति के लिए सीधे शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार होगा। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते उपखंड कार्यालय में कामकाज बाधित हुआ। दूरदराज से आए लोगों को लौटना पड़ा।

उधर, अनपरा व ओबरा परियोजना के मुख्य द्वार पर एकत्रित होकर कर्मचारियों ने ऊर्जा प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मुख्यमंत्री से इस मामले मे हस्तक्षेप करने की मांग की। यहां हुई विरोध सभा में उमेश कुमार पांडेय, अदालत वर्मा ने कहा कि ओबरा व अनपरा की 800-800 मेगावाट की नई इकाइयों को उत्पादन निगम से छीन कर एनटीपीसी को देने, पारेषण के निजीकरण को रोकने व अन्य मांगों के सार्थक समाधान किए जाने के उल्टे शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे बिजली कर्मियों को पुलिस उत्पीड़न की धमकी दी जा रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला संविदा श्रमिक यूनियन के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पाल ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि मांगो पर जल्द से जल्द सकारात्मक पहल नहीं किया जाता तो बिजली कर्मियों की हड़ताल में संविदा श्रमिक भी शामिल होंगे।

(रिपोर्ट- मनोज सिंह राणा, सोनभद्र)

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