हंगामे के बीच कैसा रहा संसद का मानसून सत्र? पढ़िए पूरी जानकारी?

संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई 2021 को शुरू हुआ था। इसे 11 अगस्त को अनिश्चितकाल के लिए स्थागित कर दिया गया है। इस सत्र में 24 दिनों की अवधि में 17 बैठकें आयोजित की गई।

19 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मॉनसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने सदन में पेगासस जासूसी विवाद और कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग को लेकर लगातार हंगामा किया। व्यवधान के चलते दोनों ही सदन लगातार बाधित होते रहे। बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई, जबकि सदन के 13 अगस्त तक चलने का आशंका थी। आइए जानते हैं मानसून सत्र की कार्यवाही से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें और इस सत्र में पारित हुए कुछ महत्वपूर्ण विधेयक।

संसद का मानसून सत्र-2021, 19 जुलाई 2021 को शुरू हुआ था। इसे 11 अगस्त, 2021 को अनिश्चितकाल के लिए स्थागित कर दिया गया है। इस सत्र में 24 दिनों की अवधि में 17 बैठकें आयोजित की गई।

 इस सत्र में मूल रूप से 19 जुलाई से 13 अगस्त, 2021 तक 19 बैठकें आयोजित करने का कार्यक्रम था। दोनों सदनों में लगातार व्यवधान और आवश्यक सरकारी कामकाज के पूरा होने के कारण इस सत्र में कटौती की गई।

सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा 22 विधेयक पारित किए गए, जिनमें 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों से संबंधित दो विनियोग विधेयक और 2017-2018 के लिए अधिक अनुदान की मांग शामिल हैं, जिन्हें लोकसभा द्वारा पारित किया गया और राज्यसभा को भेजा गया। इन विधेयकों को अनुच्छेद 109(5) के तहत पारित माना जाता है।

 अध्यादेशों का स्थान लेने वाले चार विधेयक, अर्थात् न्यायाधिकरण सुधार अध्यादेश, 2021, दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2021, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अध्यादेश, 2021 तथा आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा मॉनसून सत्र से पहले घोषित किया गया था, पर विचार किया गया और सदनों द्वारा पारित किया गया।

 संसद के सदनों द्वारा पारित कुछ महत्वपूर्ण विधेयक इस प्रकार हैं:-

आर्थिक क्षेत्र/कारोबार को सुगम बनाने के उपाय

कराधान कानून (संशोधन) विधेयक2021 में प्रावधान है कि यदि लेनदेन 28 मई, 2012 से पहले किया गया था, तो भारतीय संपत्ति के किसी भी अप्रत्यक्ष हस्तांतरण के लिए कथित पूर्वव्यापी संशोधन के आधार पर भविष्य में किसी कर की मांग नहीं की जाएगी।

सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक2021 में सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में अधिक से अधिक निजी भागीदारी और अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास में योगदान करने और पॉलिसी धारकों के हितों को बेहतर ढंग से सुरक्षित करने तथा बीमा निवेश और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने का प्रावधान है।

जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक2021 बैंकों पर प्रतिबंध होने पर भी जमाकर्ताओं को उनके अपने धन तक आसान और समयबद्ध पहुंच में सक्षम बनाता है। इस विधेयक में यह प्रदान करने का प्रस्ताव है कि किसी बैंक पर लागू किए गए मोरिटोरियम जैसे प्रतिबंधों के कारण अपने दायित्वों को पूरा करने में असमर्थ होने पर जमाकर्ता निगम द्वारा अंतरिम भुगतान के माध्यम से जमा बीमा कवर की सीमा तक अपनी जमा राशि का उपयोग कर सकते हैं।

सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक2021कुछ अपराधों को सिविल चूक में परिवर्तित कर देता है तथा इन अपराधों के लिए सजा के स्व रूप को भी बदल देता है। यह छोटे एलएलपी को भी परिभाषित करता है तथा कुछ निर्णायक अधिकारियों की नियुक्ति और विशेष अदालतों की स्थापना का प्रावधान करता है।

फैक्टरिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक2021विशेष रूप से व्यापार प्राप्य छूट प्रणाली के माध्यम से ऋण सुविधा प्राप्त करने के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करने का प्रावधान करता है। कार्य पूंजी की उपलब्धता बढ़ाता है, जिससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र के व्यवसाय में वृद्धि हो सकती है और देश में रोजगार को भी प्रोत्साहन मिल सकता है।

परिवहन क्षेत्र में सुधार

नौवहन के लिए समुद्री सहायता विधेयक, 2021 में भारत में नौवहन के लिए सहायता के विकास, रखरखाव और प्रबंधन संबंधी प्रावधान हैं। अन्य प्रावधान हैं – नौवहन के लिए समुद्री सहायताके संचालकों का प्रशिक्षण और प्रमाणन, समुद्री सहायता केऐतिहासिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक मूल्य का विकास; समुद्री संधियों और अंतरराष्ट्रीय उपकरणों, जिसमें भारतएक पक्ष है, के तहत दायित्व का अनुपालन सुनिश्चित करना, आदि।

अंतर्देशीय पोत विधेयक, 2021अंतर्देशीय जल के माध्यम से किफायती और सुरक्षित परिवहन और व्यापार को बढ़ावा देता है,देश के भीतर अंतर्देशीय जलमार्ग और परिवहन से संबंधित कानून के आवेदन में एकरूपता लाता है, पोत परिवहन के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करता है, जीवन और कार्गो की सुरक्षा तथा प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रावधान पेश करता है, जो अंतर्देशीय जहाजों के उपयोग या सञ्चालन के कारण हो सकता है, अंतर्देशीय जल परिवहन के प्रशासन की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है और अंतर्देशीय जहाजों के निर्माण, सर्वेक्षण, पंजीकरण, देखभाल, परिवहन को नियंत्रित करने वाली प्रक्रियाओं को मजबूत करता है, आदि।

भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021“प्रमुख हवाईअड्डे”की परिभाषा में संशोधन का प्रस्ताव करता है, ताकि हवाई अड्डों के एक समूह के लिए शुल्क निर्धारित करने के दायरे का विस्तार किया जा सके और इससे छोटे हवाई अड्डों के विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

शैक्षिक सुधार

राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान विधेयक, 2021खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन के कुछ संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान घोषित करता है और खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन में निर्देश और अनुसंधान प्रदान करता है।

केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021अन्य बातों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश, लद्दाख में “सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय”के नाम से एक विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009में संशोधन करना चाहता है।

सामाजिक न्याय क्षेत्र में सुधार

संविधान (एक सौ सत्ताईसवां संशोधन) विधेयक, 2021पर्याप्त रूप से यह स्पष्ट करने का प्रयास करता है कि राज्य सरकार तथा केंद्र शासित प्रदेशों को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की अपनी राज्य सूची / केंद्र शासित प्रदेश सूची तैयार करने और इसे बनाए रखने का अधिकार है।

किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021यह प्रावधान करता है कि अदालत की बजाय, जिला मजिस्ट्रेट (अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट सहित) गोद लेने के आदेश जारी करेंगे। विधेयक में कहा गया है कि गंभीर अपराधों में वे अपराध भी शामिल होंगे जिनके लिए अधिकतम सजा सात वर्ष से अधिक कारावास की हैऔर न्यूनतम सजा या तो निर्धारित नहीं है या सात वर्ष से कम है।

संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021;अरुणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में अनुसूचित जनजातियों की सूची को संशोधित करने का प्रावधान करता है।

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