आखिर क्यूं नागपंचमी के दिन पीटी जाती है गुड़िया? क्या है इस परम्परा का रहस्य?

चौराहे पर पुरुष डंडे से गुड़िया की पिटाई करते है और तभी से नागपंचमी पर गुड़िया को पीटने की प्रथा शुरू हुई।

नागपंचमी का त्योहार भारत के अलग अलग हिस्सो में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है, मगर क्या आपको पता है उत्तर प्रदेश में नाग पंचमी मनाने का एक अलग ही तरीका है यहां पर गुड़िया पीट कर ये त्योहार मनाया जाता है मगर गुड़िया को क्यूं पीटते है? क्या वजह है ये शायद ही कुछ लोगो को पता हो।

आपको बता दे गुड़िया पीटने की प्रथा उत्तर प्रदेश में कई वर्षो से चली आ रही है। आज आपको बताते है कि गुड़िया क्यूं पीटी जाती है।

वैसे तो इसको लेकर कई मान्यताये है मगर उसमे से कुछ प्रचलित दो कठाये हम आपको बता है।

क्या है पहली कथा?

पहली कथा के अनुसार एक राजा था जिसके सात बेटे और एक बेटी थी जिसका नाम गुड़िया था, गुड़िया को एक राजकुमार से प्यार हो गया, मगर वह राज कुमार राजा का बहुत बड़ा दुश्मन था तो ये प्यार राजा को मंजूर नहीं था और ना ही उसके बेटो को, फिर एक दिन राजा के सातों बेटों ने गुड़िया को चौराहे पर बांधा और उसको डंडे से पीटा उस गुड़िया को इतना पीटा के वो वही मर गयी। जिसके बाद उसके सातों भाईयो ने गांव में ये ऐलान कर दिया के अगर कोई भी स्त्री अगर ऐसा कुछ करेगी तो उसे यूं ही चौराहे पर बांध के उसकी डंडे से पिटाई होएगी।

दूसरी कथा के अनुसार?

दूसरी कथा के अनुसार एक बार नागो के दुश्मन गरुण और एक नाग में लड़ाई हो गयी, वो नाग गरुण से बचने के लिए एक स्त्री के पास गया और उससे मदद मांगी उस वक़्त उस स्त्री ने नाग की मदद कर दी मगर वह ये सच बहुत देर तक छुपा नहीं पायी और गरुण को जा कर सब सच बता दिया जिसके बाद नाग ने क्रोधित हो कर उस महिला को श्राप दे दिया और कहा के साल में एक दिन ऐसा आएगा जब तुम्हें पीटा जाएगा, इसीलिए चौराहे पर पुरुष डंडे से गुड़िया की पिटाई करते है और तभी से नागपंचमी पर गुड़िया को पीटने की प्रथा शुरू हुई।

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