2018 की तर्ज पर ही नाथ व दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा विधानसभा चुनाव

भोपाल। कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक होगा इसमें एआईसीसी के सदस्यों सहित करीब 15 हजार कांग्रेसी हिस्सा लेंगे। इस दौरान राष्ट्रीय कार्यसमिति यानी सीडब्ल्यूसी के गठन की घोषणा या डब्लयूसी के चुनाव हो सकता है। मल्लिकार्जुन खडग़े ने राष्ट्रीय स्तर पर जिन लोगों को अीम बनाई हैउसमें कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को शामिल किया है।
इसका मतलब यह है कि 2023 के विधानसभा चुनाव कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में लड़े जाएंगे। इस कारण से दोनों नेताओं को प्रदेश में तालमेल करना ही पड़ेगा। यह दोनों नेताओं की राजनीतिक मजबूरी होगी कि दोनों मिलकर काम करे। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की जवाबादारी सफलतापूर्वक निभाने के कारण दिग्विजय सिंह को राष्ट्रीय स्तर पर महत्व मिल रहा है। इस कारण से प्रदेश में वे एक शक्ति केंद्र के रूप में सामने आए हैं। आईसीसी में मध्यप्रदेश के प्रतिनिधित्व पर लेकर कांग्रेस कई नेता नाराज हैं। इस सूची में अनेक विधायक और बड़े नेता शामिल होने से रह गए हैं।
इस संबंध में कमलनाथ ने सफाई दी है कि प्रदेश में 200 नेताओं की सूची भेजी थी लेकिन आलाकमान ने केवल 99 नेताओं को कंसीडर किया। राज्य में पिछले कुछ दिनों से दिग्विजय सिंह समर्थक और कमलनाथ समर्थकों में तीखी तकरार चल रही है। अरुण यादव, अजय सिंह और जीतू पटवारी ने बयान बाजी कर कमलनाथ को निशाने पर लिया है। जाहिर है कमलनाथ के समक्ष एकजुटता भी एक चुनौती है। इधर, मल्लिकार्जुन खडग़े की टीम में शामिल होने के लिए प्रदेश के युवा नेताओं में होड़ मची हुई है। मल्लिकार्जुन खडग़े ने पार्टी चलाने के लिए 47 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी बनाई है, लेकिन पदाधिकारियों की घोषणा नहीं की है।
मल्लिकार्जुन खडग़े ने अपनी पहली पत्रकार वार्ता में ऐलान किया था कि पार्टी के उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए निर्णयों को लागू किया जाएगा। इनमें सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह था कि पार्टी के 50 फीसदी पदाधिकारी और सदस्य 50वर्ष से कम के युवा होंगे। यानी पार्टी संगठन के आधे पदों पर युवा नेताओं लाने जा रही है। मल्लिकार्जुन खडग़े की इस घोषणा से युवा नेताओं में हर्ष की लहर दौड़ गई थी। मध्यप्रदेश कांग्रेस में भी अनेक युवा नेता पिछले कई वर्षों से आगे आने के लिए छटपटा रहे हैं, क्योंकि यहां लंबे समय से कमलनाथ और दिग्विजय सिंह कांग्रेस को चला रहे हैं जिनकी उम्र 75 के लगभग है।
प्रदेश कांग्रेस के युवा नेता मल्लिकार्जुन खडग़े की टीम में आने के लिए राहुल गांधी के दरबार में लगातार दस्तक दे रहे हैं। कांग्रेसी मानते हैं कि मल्लिकार्जुन खडग़े के जरिए राहुल गांधी ही कांग्रेस को चलाने वाले हैं। इस वजह से प्रदेश के युवा नेताओं ने राहुल गांधी को साधना प्रांरभ कर दिया है। वैसे भी उदयपुर में यह प्रस्ताव कि 50 फीसदी पदों को 50 से कम युवाओं से भरा जाएगा। मजमून, राहुल गांधी की टीम ने ही तैयार किया था।
जाहिर है कि राहुल गांधी कांग्रेस के निर्विवाद रूप से सर्वोच्च नेता हैं। प्रदेश के जिन युवा नेताओं की बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है, उनमें अरुण यादव, जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह, नकुल नाथ, कमलेश्वर पटेल, हिना कांवरे, सुरेंद्र सिंह हनी बघेल, सचिन यादव, विशाल पटैल, डॉ. अशोक मर्सकोले, पांचीलाल मेड़ा, जेवियर मेड़ा शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े जयस नेता डॉ. हीरालाल अलावा को भी राष्ट्रीय स्तर पर एडजस्ट करने में लगे हुए हैं। डॉ. हीरालाल अलावा की उम्र भी 40 वर्ष से कम है। उदयपुर फार्मूले के अनुसार भविष्य में कांग्रेस के आधे टिकट भी 50 वर्ष के युवाओं को दिए जाएंगे।
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