केरल में कहर बरपा रहा निपाह वायरस, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

डेस्क। कोरोना वायरस के बाद अब देश में एक नया संकट आ चुका है। केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस ने दस्तक दे दी है। अब तक 4 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं दो लोगों की मौत हो गई। जिसके चलते यहाँ सभी स्कूलों को अगले रविवार यानी 24 सितंबर तक बंद कर दिया गया है।
एहतियात के तौर पर 7 ग्राम पंचायतों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। इन इलाकों और यहां के अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा सुबह 7 से शाम 5 बजे तक सिर्फ दवाइयां और जरूरी चीजों की दुकानें ही खोलने की इजाजत है।
चलिए अब जानते हैं कि क्या है निपाह वायरस, ये कैसे फैलता है और इससे बचने के क्या उपाय हैं? निपाह वायरस एक तरह का जूनोटिक इन्फेक्शन है। जो जानवर से फैलता है। आमतौर पर यह वायरस चमगादड़ और सुअर से फैलता है। अगर इस वायरस से इन्फेक्टेड चमगादड़ किसी फल को खा लेता है और उसी फल या सब्जी को कोई इंसान या जानवर खाता है तो वह भी इन्फेक्टेड हो जाता है। WHO के मुताबिक, इसका इन्फेक्शन घातक होता है। इन्फेक्शन के बाद मरीजों की मौत का खतरा 40 से 75 प्रतिशत तक होता है।
निपाह वायरस के लक्षण दो से तीन दिन में दिखने लगते हैं। इसके शुरुआती लक्षणों में बुख़ार, सिरदर्द और सांस लेने में परेशानी जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। ये लक्षण 24 से 48 घंटों में मरीज़ को कोमा में पहुंचा सकते हैं। फिलहाल अब तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं तैयार हो पाई है, इसलिए दवाओं के जरिए इसके लक्षणों को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन स्थानों पर निपाह का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है वहां की यात्रा करने से बचना चाहिए। इसके अलावा बचाव के लिए हाथों को समय-समय पर धोते रहे और फलों-सब्जियों के सेवन से पहले उसे अच्छी तरह से साफ कर लें।
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