लोकसभा में पेश हुआ ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’, जानें क्या है ये बिल

नई दिल्ली। महिला आरक्षण विधेयक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार को मंजूरी दे दी। इसके तहत लोकसभा और विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण का प्रावधान है।
इस बिल को आज लोकसभा में पेश किया गया। इस विधेयक का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम रखा गया है। आपको बता दें कि यह बिल पिछले 27 साल से यानि 1996 से लटका हुआ है। उस समय एचडी देवगौड़ा सरकार ने इस बिल को संसद में पेश किया था, लेकिन तब यह पारित नहीं हो सका था।
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 1998 में लोकसभा में फिर से महिला आरक्षण बिल को पेश किया था। उस समय कई दलों के सहयोग से चल रही वाजपेयी सरकार को इसको लेकर विरोध का सामना करना पड़ा था। साल 2014 में लोकसभा भंग होने के बाद यह बिल अपने आप ख़त्म हो गया, लेकिन चूंकि राज्यसभा स्थायी सदन है, इसलिए यह बिल अभी तक चल रहा है।
अब इसे लोकसभा में नए सिरे से पेश करना पड़ेगा। अगर लोकसभा इसे पारित कर दे, तो राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद यह क़ानून बन जाएगा। अगर यह बिल क़ानून बन जाता है तो 2024 के चुनाव में महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण मिल जाएगा। इससे लोकसभा की हर तीसरी सदस्य महिला होगी। महिला आरक्षण विधेयक पास होने के बाद उत्तर प्रदेश की 26 लोकसभा सीटें व 132 विधानसभा सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएगी।
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