चंद्रयान-3 मिशन को लीड कर रही लखनऊ की बेटी, जानें कौंन है ये ‘रॉकेट वुमन’

लखनऊ। 14 जुलाई 2023 का दिन भारत के लिए बेहद ऐतिहासिक है। आज के दिन ‘चंद्रयान-3’ को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है। चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर जाने के लिए शुक्रवार को रवाना हो गया है। 3900 किलोग्राम के अंतरिक्ष यान को पहले यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में रॉकेट के पेलोड फेयरिंग में डाला गया और फिर रॉकेट के निचले हिस्से से जोड़ने के लिए ले जाया गया।

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यह भाग इसे इस पृथ्वी की कक्षा से बाहर धकेल देगा और इस पृथ्वी से लगभग 3 लाख 84000 किमी दूर चंद्रमा की ओर ले जाएगा। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग होती है तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। चंद्रमा पर चंद्रयान को सफलतापूर्वक उतारने के इस मिशन की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर दी गई है, वह कोई और नहीं बल्कि लखनऊ की ’रॉकेट वुमन’ डॉ. रितु कारिधल हैं। वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक डॉ. रितु कारिधल चंद्रयान-3 की मिशन निदेशक हैं।

डॉ. रितु कारिधल मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं। रितु कारिधल का जन्म लखनऊ के राजाजीपुरम में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट एग्नेस पब्लिक स्कूल और नवयुग कन्या विद्यालय से की। रितु कारिधल को पहली पोस्टिंग यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में मिली। रितु कारिधल साल 1997 में इसरो में शामिल हुई थीं।

इससे पहले वह मंगलयान के लॉन्चिंग मिशन में डिप्टी डायरेक्टर रह चुकी हैं। चंद्रयान-2 के मिशन में भी उन्होंने डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाली थी। डॉ. करिधाल को साल 2007 में यंग साइंटिस्ट अवार्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, मार्स ऑर्बिट्रेटर मिशन के लिए इसरो टीम पुरस्कार, सोसाइटी ऑफ इंडियन एरोस्पेस टेक्नॉलजी ऐंड इंडस्ट्रीज समेत कई पुरस्कार उनकी झोली में हैं। विभिन्न अंतरिक्ष अभियानों का हिस्सा होने के बाद अब उन्हें लोग रॉकेट वुमन कहकर भी बुलाते हैं।

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