लखीमपुर खीरी कांड: योगी के वो तीन अधिकारी जो सरकार के लिए संकटमोचक बन गए!

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद एक वक्त ऐसा भी लगा कि चुनावी मौसम में योगी सरकार की इसकी भारी सियासी कीमत चुकानी पड़ेगी, पर ऐन वक्त पर योगी सरकार ने विपक्ष के सारे प्लान को ध्वस्त कर दिया और सामने आए योगी सरकार के तीन अधिकारी वो योगी सरकार के लिए संकटमोटक बनकर सामने आए।

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड की घटना आप सभी ने देखी। आपने वो वीडियो भी देखे जिसमें थार गाड़ी किसानों को कुचलते हुए निकल गई। आरोप लगा मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे पर। ये थार गाड़ी दरअसल मंत्री के बेटे की ही थी। पूरे मुद्दे पर सरकार बैकफुट पर चली गई। सरकार में मंत्री होने की वजह से अजय मिश्र सरकार के लिए फांस बन गए। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद एक वक्त ऐसा भी लगा कि चुनावी मौसम में योगी सरकार की इसकी भारी सियासी कीमत चुकानी पड़ेगी, पर ऐन वक्त पर योगी सरकार ने विपक्ष के सारे प्लान को ध्वस्त कर दिया और सामने आए योगी सरकार के तीन अधिकारी वो योगी सरकार के लिए संकटमोटक बनकर सामने आए।

बताया जाता है कि लखनऊ लोकभवन से योगी के खासमखास मंत्री अवनीश अवस्थी ने इस पूरी घटना को शांत करने के लिए रणनीति बनाई। सीएम योगी के करीबी अवनीश अवस्थी इस मुद्दे पर लगातार मुख्यमंत्री के संपर्क में थे और ये अवनीश अवस्थी की ही भूमिका थी कि घटना के मात्र दो दिन बाद ही किसानों के परिजनों ने सरकार से समझौता कर लिया।

बताया जाता है कि यूपी पुलिस में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत श्रीवास्त ने इस घटना में किसानों के परिजनों ने लखीमपुर में मुलाकात की और लखनऊ से मिल रहे निर्देशों के मुताबिक किसानों के परिजनों से समझौता किया।

तीसरे ऩंबर पर नाम आता है यूपी पुलिस के जाबांज अफसर अजय पाल शर्मा का। यूपी की ‘डायल 112’ में तैनात अजय पाल को उनके पिछले संपर्कों को देखते हुए लखीमपुर भेज दिया गया था। दलअसल अजय पाल शर्मा को परिचम के जिलों में काम करने का अच्छा अनुभव है। राकेश टिकैत के पश्चिम यूपी क्षेत्र में पहले तैनात रहे कई अधिकारियों के साथ अच्छे संबंधों की बात सामने आई। बताया जाता है कि आईपीएस अजयपाल शर्मा को आगे किया गया।  उनके राकेश टिकैत के साथ अच्छे संबंध हैं। पंजाब से तालुल्क रखने वाले अजय पाल शर्मा को पंजाबी भाषा की भी अच्छी जानकारी है। बताया जाता है कि किसानों के परिजनों से स्थानीय भाषा में बात करके अजयपाल शर्मा ने सरकार की तरफ से की जा रही हर एक पहल को किसानों के समक्ष रखा और बहुत ही जल्द सरकार ने इस मुद्दे को शांत करा लिया।

मुद्दा शांत जरूर हो गया है लेकिन जिस तरह की यह घटना है जो योगी सरकार की फांस अभी भी बन सकती है क्योकि जहां एक तरफ विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरे हुए है वहीं दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड को लेकर देश व प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम दिया है।  टिकैत की चेतावनी है कि संघर्ष में मारे गए किसानों की संयुक्त अरदास तक यदि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त और उनके पुत्र को गिरफ्तार न किया गया तो देश भर में आंदोलन शुरू होगा। 

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