Struggle To Success: आप पार्टी के राष्ट्रिय प्रवक्ता संजय सिंह के संघर्ष भरे सफर की कहानी।

आम आदमी पार्टी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले संजय सिंह की संघर्ष से भरी कहानी में जहां उनकी किस्मत का कमाल था तो उसे कई ज्यादा उनकी कड़ी मेहनत और हुनर का खेल भी।

भारत की राजधानी दिल्ली से 700 किलोमीटर दूर स्थित सुल्तानपुर है, स्वतन्त्रता संग्राम की कहानियो में सुल्तानपुर एक एहम स्थान रखता है, आज सुल्तानपुर का नाम देश विदेश हर जगह गूँजता है।

सुलतापुर एक छोटा सा शहर है जहां एक छोटे से लड़के की कहानी गली गली शहर शहर मिसाल बनी हुई है। आज से करीब 40 साल पहले सुल्तानपुर की गलियो में एक गुड्डू नामक बच्चा घूमता था, आज उसी बच्चे की राजनीति में तूती बोलती है, हम बात कर रहे है आम आदमी पार्टी के राष्ट्रिय प्रवक्ता संजय सिंह की।

आम आदमी पार्टी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले संजय सिंह की संघर्ष से भरी कहानी में जहां उनकी किस्मत का कमाल था तो उसे कई ज्यादा उनकी कड़ी मेहनत और हुनर का खेल भी।

संजय सिंह की राजनीति में तूती बोलती है आज जब वो राजनीतिक मुद्दो पर टीवी चेनलों पर बोलते है तो बड़े बड़ो की बोलती बंद हो जाती है। संजय सिंह की बेबाकी, गलत के सामने ना झुकने के जज्बे ने ही उन्हे राजनीति में इस मुकाम पर पहुचाया है।

चलिये आपको बताते है कैसे एक छोटे से शहर का बच्चा गुड्डू राजनीति की गलियारो में उतरा आपको बता दे संजय की बारवी तक की पढ़ाई सुल्तानपुर के सरस्वती शिक्षा मंदिर में हुई, बारवी के बाद संजय ने इंजीन्यरिंग करने का सोचा जिसके लिए उन्होने ओड़ीसा के इंजीन्यरिंग कॉलेज में दाखिला लिया मगर दो साल बाद ही वह सुल्तानपुर वापस आगए, जब वह वापस लौटे तो उन्होने सुल्तानपुर में समाजसेवा का काम शुरू किया और 1994 में वह समाजसेवा समिति संस्था के साथ जुड़ गए। संजय की समाजसेवा जारी रही, पहले रेहड़ी पटरी पर दुकान लगाने वालो को प्रशासन डंडे मार कर भगा दिया करता था तब संजय सिंह उनकी आवाज़ बन कर सामने आए उन्होने रेहड़ी पटरी वालो की आवाज़ उठाई और प्रशासन को हिला कर रख दिया जिसके चलते उनपर कई मुकदमे भी हुए और वह जेल भी गए।

थोड़े समय बाद ही सुल्तानपुर के मदर टेरेसा कहलाए जाने वाले कर्तार केशव यादव संजय की ज़िंदगी में प्रेरणा बन कर आए, इनही की प्रेरणा लेकर संजय ने आज़ाद समाजसेवा समृद्धि के साथ गठन किया था। इसी के दौरान संजय की मुलाक़ात लोक तांत्रित पार्टी के अध्यक्ष रघु ठाकुर से हुई जिनसे संजय ने कुशल राजनेतिकय होने के गुणो को अपनाया।

2009 में RTI आंदोलन में भी संजय का एहम किरेदार था, संजय आंदोलन के एक्टिविस्त बन चुके थे आंदोलन को लेकर लोगो को जागरूक करना और केंद्र वह राज्य सरकारो से इसके सख्ती से पालन की मूहीम शुरू करी। इस आंदोलन के जनन अरविंद केजरीवाल थे। केजरीवाल संजय की मेहनत को देख उनसे सुल्तानपुर मिलने पहुचे जिसके बाद दोनों में अच्छे संबंध बने, इसी आंदोलन से बाद में अन्ना हज़ारे भी जुड़े।

26 नवंबर 2012 में जब आप पार्टी का गठन हुआ तब अरविंद केजरीवाल ने संजय सिंह को राष्ट्रिय प्रवक्ता की ज़िम्मेदारी सौपी। नवंबर 2012 के बाद दिल्ली ऐसा राज्य था जहां चुनाव सबसे नजदीक थे।

चुनाव में 70 विधानसभा सीट पर प्रत्याशी चुनने की ज़िम्मेदारी संजय सिंह को सौपी। राजनीति में समाज सेवा की उनकी मूहीम और उनकी बेबाकी और उनके जज्बे से वह आज भी राजनीति में पैर जमाये हुए है।

देश और विदेश की ताज़ातरीन खबरों को देखने के लिए हमारे चैनल को like और Subscribe कीजिए
Youtube- https://www.youtube.com/NEXTINDIATIME
Facebook: https://www.facebook.com/Nextindiatimes
Twitter- https://twitter.com/NEXTINDIATIMES
Instagram- https://instagram.com/nextindiatimes
हमारी वेबसाइट है- https://nextindiatimes.com
Google play store पर हमारा न्यूज एप्लीकेशन भी मौजूद है

Related Articles

Back to top button