कानपुर देहात में बुलडोज़र एक्शन के दौरान ज़िंदा जलीं मां-बेटी, गरमाया सियासी पारा

कानपुर देहात। कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में बुलडोज़र एक्शन के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। मड़ौली गांव निवासी गेदनलाल ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित, अंश दीक्षित, शिवम आदि के खिलाफ आबादी की जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने की शिकायत की थी। इस पर 13 जनवरी 2023 को एसडीएम मैथा के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक नंद किशोर, लेखपाल अशोक सिंह चौहान ने जेसीबी से मकान ढहा दिया था।

14 जनवरी को तहसीलदार अकबरपुर रणविजय सिंह ने कृष्ण गोपाल, प्रमिला, शिवम, अंश, नेहा शालिनी व विहिप नेता आदित्य शुक्ला तथा गौरव शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मौजूदा समय में वह लोग कच्चा छप्पर रखकर वहां पर रह रहे थे, उसे ही हटाने के लिए प्रशासनिक अफसरों की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची थी। इस दौरान उनके सामने ही झोपड़ी के अंदर मां-बेटी जिंदा जल गईं। दोनों को बचाने की कोशिश में गृहस्वामी व रूरा इंस्पेक्टर झुलस गए।

वहीं दूसरी ओर सूबे में इस घटना को लेकर सियासत शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं। अलग-अलग दलों के नेता पीड़ित परिवार से मिलने पहुंच रहे हैं। इसी बीच घटना को लेकर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि एसडीएम हो या पुलिस के अफसर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सभी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बृजेश पाठक ने आगे कहा कि कानपुर की घटना दुखद और निंदनीय है। इसमें जितने भी अधिकारी दोषी हैं, हम किसी को नहीं छोड़ेंगे। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। सभी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस मौत के मामले के बाद लीपापोती की कोशिश शुरू हो गई है। एसपी का कहना है कि दोनों ने खुद आग लगा ली थी। अगर दोनों ने आग लगाई भी तो फिर अतिक्रमण हटाने के लिए मौजूद प्रशासनिक टीम ने उन्हें क्यों नहीं बचाया। गुनाहगार तो वे भी है, जो तमाशा देखते रहे। वीडियो बनाते रहे। दो जिंदगियां खाक होती रहीं। अब मामले पर राजनीति हो रही है, लेकिन इन दो मौतों के जिम्मेदार कौन हैं? प्रशासन की ओर से जांच के आदेश दिए हैं।

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