सत्ता की हनक में विधायक ने किया धारा 144 का उलंघन, बीच सड़क पर फूंका पुतला, कई घण्टे आवागमन बाधित रहा
इस सम्बंध में जब मल्लावां कोतवाली इंस्पेक्टर से बात की तो उन्होंने बताया कि उक्त कार्यक्रम की कोई पूर्व से अनुमति नही ली गयी थी, जब उन्हें सड़क पर पुतला दहन करने की सूचना मिली तो तत्काल मौके पर पहुंचे, और कानून व्यवस्था संभाली।

बीच सड़क पर फूंका पुतला, कई घण्टे आवागमन बाधित रहा
कहते हैं कि कानून सबके के लिए बराबर होता है, पर यह बात सिर्फ कहावतों तक ही सीमित है। ये तस्वीरें इस बात का उदाहरण हैं कि सत्ता के आगे सब कुछ बेबस है। क्योंकि जिले में धारा 144 लागू है, बावजूद इसके सत्ताधारी दल के विधायक ने बीच सड़क पर हजारों लोगों को लेकर विधि विरुद्ध शक्ति प्रदर्शन किया।
यही नही उन्होंने पुतला फूँककर आवागमन भी बाधित किया। सवाल ये उठता है कि आखिर सत्ता के विधायक हैं तो कार्यवाही कौन करेगा? क्या यहां कानून की लाज रखी जायेगी या फिर अपराध को नजरअंदाज कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। दरअसल जिला अधिकारी अविनाश कुमार ने 4 अक्टूबर से लेकर 30 नवंबर तक जिले में धारा 144 की निषेधाज्ञा लागू कर रखी है।

बावजूद इसके भाजपा के बिलग्राम-मल्लावां विधायक आशीष सिंह आशू ने अपनी पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के साथ मल्लावां के बीच चौराहे पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव का पुतला फूंका। इस कारण मार्ग तो अवरुद्ध हुआ ही साथ ही विधि विरुद्ध जमावड़ा भी लगा रहा। यही नही मल्लावां की सड़कों पर रैली भी निकाली गई। इस दौरान भारी तादात में लोग परेशान हुए पर करते भी क्या आखिर सत्ताधारी दल के नेता बीच सड़क पर अपनी हनक और सत्ता की ताकत का प्रदर्शन कर रहे थे। इस नजारे से आप समझ सकते हैं कि धारा 144 सिर्फ ऐसे ही लोगों पर लागू है

जिनकी पुलिस-प्रशासन की नजर में कोई अहमियत नहीं या फिर उन्हें आप आम इंसान कह सकते हैं। अब देखना ये होगा कि धारा 144 का उलंघन करने वाले विधायक जी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 128 के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी या फिर सफेदपोशों द्वारा कानून से खिलवाड़ का सिलसिला जारी रहेगा।
इस सम्बंध में जब मल्लावां कोतवाली इंस्पेक्टर से बात की तो उन्होंने बताया कि उक्त कार्यक्रम की कोई पूर्व से अनुमति नही ली गयी थी, जब उन्हें सड़क पर पुतला दहन करने की सूचना मिली तो तत्काल मौके पर पहुंचे, और कानून व्यवस्था संभाली।