रेल मंत्री का ऐलान, 2023 के अंत तक इस रूट पर दौड़ेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे वंदे भारत ट्रेन की कामयाबी के बाद अब हाइड्रोजन ट्रेन चलाने जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे हर साल तेजी से बढ़ रहा है। ‘अमृत भारत स्टेशन’ योजना के तहत, 1275 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है, जबकि वंदे भारत ट्रेनों के उत्पादन को नया रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले हर दिन केवल 3 किमी ट्रैक बिछाए जाते थे, चालू वर्ष में यह बढ़कर 12 किमी ट्रैक प्रतिदिन हो गया और अगले वर्ष के लिए लक्ष्य 16 किमी ट्रैक प्रतिदिन है।
देश में हाइड्रोजन ट्रेनों की शुरुआत करने के बारे में मंत्री ने कहा कि चूंकि बजट ग्रीन डेवलपमेंट पर केंद्रित है, रेलवे हाइड्रोजन ट्रेन के साथ भी इसमें योगदान देगा, जो दिसंबर 2023 तक आएगी और इसे भारत में डिजाइन और निर्मित किया जाएगा। सबसे पहले, यह कालका-शिमला जैसे हैरिटेज सर्किट पर चलेगी और बाद में इसे अन्य स्थानों पर विस्तारित किया जाएगा।
वैष्णव ने कहा कि ट्रेनों के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत दिखाने के पीएम मोदी के दृष्टिकोण को सूची में गुरुकृपा सर्किट जैसे नए सर्किट जोड़कर भी अपडेट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों के दौरान रेलवे के क्षेत्र में रोजगार सृजन हुआ है। नए स्टेशनों का विकास किया गया है, शौचालयों का निर्माण किया गया है, वेटिंग एरिया का नवीनीकरण किया गया है, वंदे भारत सहित नई ट्रेनें शुरू की गई हैं और यात्रियों की सुविधाओं के साथ उनकी संख्या में भी इजाफा हुआ है। मंत्री ने इस क्षेत्र में रोजगार सृजन को भी चिह्नित किया और कहा कि पिछले 8 वर्षों में रेलवे के तहत 3,64,000 रोजगार सृजित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पहले से ही देश के लोगों के लिए 1,45,000 और रोजगार पर काम कर रही है।
रेल मंत्री ने देश में वंदे भारत की सुविधा का विस्तार करने के बारे में बोलते हुए कहा कि अब आईसीएफ चेन्नई के अलावा, वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण हरियाणा के सोनीपत और महाराष्ट्र के लातूर में किया जाएगा और यह पीएम मोदी के हर कोने को वंदे भारत ट्रेनों से जोडऩे के सपने को पूरा करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण उत्तर प्रदेश के रायबरेली में भी किया जाएगा क्योंकि यह क्षेत्र ‘बुलेट ट्रेन’ पर अच्छी प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पहले सीएम उद्धव ठाकरे ने अनुमति नहीं दी थी, लेकिन अब सभी अनुमतियां हैं और जल्द ही महाराष्ट्र में भी वंदे भारत ट्रेनों का विकास शुरू होगा। गौरतलब है कि भारतीय रेल से रोजाना करीब ढाई से पौने तीन करोड़ यात्री आवागमन करते हैं। इस प्रकार से सालाना यात्रियों की संख्या 800 करोड़ से अधिक होती है।
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