स्पोर्ट्स डेस्क। इस समय खेली जा रही बांग्लादेश प्रीमियर लीग (BPL) में फिक्सिंग (Match fixing) का साया पड़ चुका है जिसने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) को हिलाकर रख दिया है। बीसीबी ने इस मामले में सख्त कदम उठाने की ठानी है और एक स्वतंत्र समिति बनाने का फैसला किया है।
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BCB ने बताया है कि वह एक स्वतंत्र समिति का गठन करेगी जो उनकी एंटी करप्शन यूनिट के साथ मिलकर काम करेगी जो इस समय बीपीएल (BPL) में फिक्सिंग मामले की जांच कर रही है। बीपीएल (BPL) में दुनिया के कई बड़े सितारे भी खेल रहे हैं। बीपीएल (BPL) के मौजूदा सीजन में फिक्सिंग (Match fixing) की खबरे हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये बताया गया है कि बीसीबी की एसीयू ने आठ मैचों को शक के दायरे में लिया है।
इन आठ मैचों में एसीयू को मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग का शक है। क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक 10 खिलाड़ी एसीयू की नजरों में हैं जबकि चार फ्रेंचाइजियों पर भी एसीयू नजरें बनाए हुए है। जिन 10 खिलाड़ियों पर शक है उनमें से छह बांग्लादेश की नेशनल टीम के लिए खेल चुके हैं। वहीं दो बांग्लादेश के अनकैप्ड खिलाड़ी हैं जबकि दो विदेशी क्रिकेटर हैं। जिन फ्रेंचाजियों पर नजरें हैं उनमें दरबार राजशाही और ढाका कैपिटल्स पर शक ज्यादा गहरा है। सिलहट स्ट्राइकर्स और चिटगांव किंग्स पर भी कमेटी को शक है।
मैच फिक्सिंग (Match fixing) और स्पॉट फिक्सिंग की खबरों के बाद बीसीबी के अध्यक्ष फारूक अहमद ने क्रिकबज से कहा है कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एंटी करप्शन यूनिट के गठन के बाद बीसीबी ने कहा है कि वह लीग की अखंडता को बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध है।
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