खनन माफिया सक्रिय, नियमों को ताक पर रखकर हो रहा मौरंग का अवैध खनन

फतेहपुर। जिले में खनन माफिया बेखौफ होकर एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर यमुना नदी का सीना चीरकर बीच धारा से मौरंग का अवैध खनन कर रहे हैं। नदी से मोरम निकालने के लिए प्रतिबंधित भारी-भरकम पोकलैंड मशीनों का प्रयोग कर रहे हैं।नदी का सीना चीरकर लगातार दोहन कर रहे हैं।
बता दें कि ललौली थाना क्षेत्र स्थित मोरंग खदान अढावल खंड संख्या 3 , खण्ड संख्या 9, उरौली खण्ड संख्या 7 व ओती खण्ड संख्या 3 में खनन माफिया दिन-रात यमुना नदी की जलधारा से खनन कर रहे हैं। ललौली थाना क्षेत्र के सभी खंडों में भी नदी की जलधारा को रोककर खनन हो रहा है। वही खनन माफिया नदी की जलधारा को रोककर भारी भरकम पोकलैंड मशीनों द्वारा खनन करने में जुटे हुए हैं, और दिन रात ओवरलोड वाहन रोड पर फर्राटा भरते नजर आ रहे हैं। खनन माफिया प्रशासन की व्यस्तता को देखकर अवैध खनन कर करोड़ों रुपए के वारे न्यारे कर रहे हैं।
प्रशासन की लाख कार्यवाही के बाद भी खनन माफियाओं के हौसले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं । ललौली थाना क्षेत्र के अडावल खंड संख्या 3, खण्ड 9 में संचालित मौरंग खदान में भारी मात्रा में प्रतिबंधित मशीनों का प्रयोग कर नदी की धारा में कई फुट नीचे से अवैध खनन बदस्तूर जारी है, एनजीटी के नियमों को माफियाओं द्वारा लगातार चुनौती दी जा रही है। यमुना नदी में संचालित इन खदानों में जल धारा को रोककर अवैध खनन किया जा रहा है। यहां से रात दिन बेखौफ मोरम माफिया सैकड़ों ओवरलोड ट्रकों को निकालते हैं। जिससे करोड़ों के मिलने वाली राजस्व की क्षति के साथ सड़को का भी सत्यानाश हो रहा है।
एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर होता है खनन :
एनजीटी के अनुसार किसी भी मौरंग खदान में नदी के बीच में खनन नहीं किया जाएगा सिर्फ नदी के किनारे स्थित मोरंग को ही उठाया जाएगा पोकलैंड जैसी भारी मशीनों का प्रयोग खनन कार्य में नहीं किया जाएगा। खनन के दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि खनन से जलीय जीवों और पर्यावरण को कोई नुकसान ना हो। साथ ही साथ तीन मीटर से अधिक गहराई से मौरंग की निकासी नहीं की जाएगी लेकिन आलम यह है कि मौरंग माफिया लगातार इन नियमों को चुनौती देकर अवैध खनन में मस्त हैं।
Tag: #nextindiatimes #ngt #minning #fatehpur