आईसीआईसीआई बैंक ने लांच किया डिजिटल सॉल्यूशन

मुंबई। आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक ने कैपिटल मार्केट के पार्टिसिपेंट और कस्टडी सर्विस के ग्राहकों के लिए डिजिटल समाधानों की एक शृंखला शुरू करने की घोषणा की। ये समाधान स्टॉक ब्रोकर्स, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) प्रदाताओं, फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर (एफपीआई), फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टर (एफडीआई) और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंडों (एआईएफ) सहित क्षेत्र के विभिन्न प्रतिभागियों को उनकी सभी बैंकिंग (ICICI) आवश्यकताओं को निर्बाध रूप से पूरा करने में सक्षम बनाते हैं।

ICICI बैंक ने इन समाधानों को भारतीय पूंजी बाजार के सभी प्रतिभागियों को शीघ्र ऑनबोर्डिंग और सुविधा प्रदान करने के लिए लॉन्च किया है, इनमें पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। नया लॉन्च किया गया 3-इन-1 अकाउंट स्टॉक ब्रोकरों के ग्राहकों को देश भर में कहीं से भी कुछ घंटों में डिजिटल रूप से ऑनलाइन ट्रेडिंग, डीमैट और बचत खाता खोलने में सक्षम बनाता है। यह सुविधा स्टॉक ब्रोकरों को एपीआई के माध्यम से अपने ट्रेडिंग और डिपॉजिटरी सिस्टम को बैंक के साथ इंटीग्रेट करने का अधिकार देती है, जिससे उन्हें निवेशक फंड की उपलब्धता पर वास्तविक समय की जानकारी का लाभ मिलता है।

ICICI बैंक ने पीएमएस सेवाओं के प्रदाताओं को एक ही कार्य दिवस में डिजिटल रूप से बचत खाता और डीमैट खाता खोलने में सक्षम बनाया है, जिससे ऑनबोर्डिंग और एक्टिवेशन समय में काफी कमी आई है। इसके अतिरिक्त, बैंक ने दुनिया भर के किसी भी देश से एफपीआई/एफडीआई के ऑनबोर्डिंग और पंजीकरण के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। प्लेटफॉर्म एफपीआई/एफडीआई को पूर्व-सत्यापन के लिए दस्तावेजों और सूचनाओं को निर्बाध रूप से अपलोड करने में मदद करता है, जिससे पंजीकरण और ऑनबोर्डिंग का समय कुछ दिनों तक कम हो जाता है।

आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक के लार्ज क्लाइंट्स ग्रुप हेड श्री सुमित संघई ने इस अवसर पर कहा, पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पूंजी बाजार में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है, जिसका अंदाजा डीमैट खातों की संख्या में वृद्धि, म्युचुअल फंड उद्योग एयूएम में वृद्धि और देश में पूंजी प्रवाह में वृद्धि से लगाया जा सकता है। पिछले पांच वर्षों में सूचीबद्ध भारतीय कॉरपोरेट्स का बाजार पूंजीकरण 148 ट्रिलियन रुपए से बढ़कर 257 ट्रिलियन रुपए हो गया है। हमारा मानना है कि बाजार में मजबूत विकास जारी रहेगा और 2025 तक 5 ट्रिलियन यूएस डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की यात्रा को गति प्रदान करेगा।

बैंक द्वारा शुरू किए गए समाधानों का डिजिटल सेट कैपिटल मार्केट के पार्टिसिपेट और कस्टडी सर्विस के ग्राहकों की नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा। यह खासतौर पर मैन्युअल प्रक्रियाओं को कम करता है, जिससे बिजनेस में उनकी संचालन क्षमता और मापनीयता में सुधार होता है।

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