होलिका दहन आज, केवल 2 घंटे के लिए रहेगा मुहूर्त

लखनऊ। होली का पर्व प्रह्लाद और होलिका से जुड़ा है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता और उसके अगले दिन रंगों की होली होती है। ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि सूर्योदय के साथ पूर्णिमा का उदय है इसलिए होली का दहन करना 7 तारीख दिन मंगलवार को ही शुभ और उचित रहेगा।

दरअसल, होलिका दहन का मुहूर्त तीन चीजों पर निर्भर करता है। पूर्णिमा तिथि, प्रदोष काल और भद्रा न हो। ऐसा बहुत ही कम होता है कि होलिका दहन इन तीनों चीजों के साथ होने पर हो। लेकिन पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन का होना बेहद जरूरी है। पूर्णिमा के रहते हुए पुच्छ काल में यानी भद्रा के आखिरी समय में होलिका दहन करना शुभ माना जाता है।

होलिका की पूजा से पहले भगवान नरसिंह और प्रहलाद का ध्यान करें। इसके बाद होलिका में फूल, माला, अक्षत, चंदन, साबुत हल्दी, गुलाल, पांच तरह के अनाज, गेहूं की बालियां आदि चढ़ा दें। इसके साथ ही भोग लगा दें। फिर कच्चा सूत लपेटते हुए होलिका के चारों ओर परिवार के साथ मिलकर परिक्रमा कर लें। इसके बाद होलिका में जल का अर्घ्य दें और सुख-समृद्धि की कामना करें। फिर सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में होलिका दहन करें। होलिका दहन के समय अग्नि में कंडे, उबटन, गेहूं की बाली, गन्ना, चावल आदि अर्पित करें। इसके साथ ही होलिका दहन के अगले दिन होलिका दहन की राख माथे में लगाने के साथ पूरे शरीर में लगाएं। ऐसा करने से व्यक्ति को हर तरह के रोग-दोष से छुटकारा मिलेगा।

होलिका दहन और पूजन का शुभ मुहूर्त:

होलिका दहन का समय रात 8.40 से लेकर 10.35 तक का शुभ काल है। महिलाओं के होली पूजन का शुभ मुहूर्त दिन में 10:27 से 12:23 तक और शाम को 4:30 से 5:15 तक शुभ रहेगा।

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