पूड़ी एक पारंपरिक भारतीय खाना है, जानें लूची के नाम से भी कैसे जानी जाती है भारतीय पूड़ी?

पूड़ी एक पारंपरिक भारतीय खाना है आप को बता दे पूड़ी का ऑरिजिन भारत में ही हुआ था। भारत में पक्की रसोई का यह सबसे ज्यादा खाया जाने वाला भोजन है। हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ में प्रसाद में भी पूड़ी परोसी जाती है। संस्कृत संस्कृत के शब्द पूड़ी का शब्द से ही पूड़ी का नाम निकला है।

खाने में बात करे तो अगर पूड़ी के साथ चटपटी आलू की तरी वाली सब्जी हो तो खाने का स्वाद और बेहतर हो जाता है वैसे शायद हर भारतीय का यह पसंदीदा भी होता है। देश के हर कोने में अलग-अलग नाम से पूड़ी खाई जाती है तो पूड़ी सब्जी वैसे तो भारतीय खाना ही है और एक बात बताए तो शास्त्रों में भी पूड़ी सब्जी का जिक्र मिलेगा। वैसे इसके नाम हर आधार पर अलग अलग है। घर में कोई पार्टी हो किसी का बर्थड़े सेलिब्रेशन हो पूड़ी सब्जी ही बनाई जाती है। यह बन भी जल्दी जाती है और आसान भी होती है।
आप पूड़ी को किसी भी अंदाज से बना सकते है आटा गूँदते समय आप उसमे थोड़ा सा अज्वोइन अजवायन डाल कर उसे गूँद ले उसमे थोड़ा सा नमक डाल दे, इसको शाम के नाश्ते में आप चाय के साथ खा सकते है। अप पूड़ी पालक डाल कर भी बना सकते है या फिर इसके अंदर कुछ दाल भर कर भी आप बना सकते है। यह एक शाकाहारी भोजन है। सूखी सब्जी या फिर रसेदार वाली सब्जी के साथ भी इसे खाया जा सकता है।
जगह जगहज पूड़ी का आकार भी अलग है। आप को बताए तो नॉर्थ इंडिया में पूड़ी मध्य आकार की होती है, बात करे गुजरात और बंगाल सहित कुछ इलाकों की तो वहाँ पूड़ी का आकार छोटा होता है। वहीं बिहार-यूपी की बात करे तो इन इलाके में पूड़ी का साइज बड़ा है। बलिया की पूड़ी की बात करे तो वहाँ की पूड़ी का आकार काफी बड़ा होता है मगर खाने में भी वह काफी स्वादिस्त होती है।
पूड़ी के नाम
पूड़ी वैसे तो हर जगह खाई जाती है मगर हर जगह इसके अलग अलग नाम है जैसे बंगाल में पूड़ी को लूची के नाम से जाना जाता है। दक्षिण भारत में यह अलग नाम से जानी जाती है। आप ने पानी पूड़ी भी सुना होगा काफी आप को बता दे ये सब एक ही घर की है।
बात करे इसके पारंपरिक रिवाजो की तो बनारस में गंगा स्नान करने के बाद या हरिद्वार में भी स्नान के बाद आप को पूड़ी ही खानी होती है वहाँ पूड़ी ही खाने की परंपरा है। आप पूड़ी के साथ आलू की सब्जी भी ले सकते है। जब पारंपरिक ढंग से आप इसका सेवन करते है तो इसमे लहसुन प्याज का इस्तेमाल नहीं होता।