कोरोना के बाद बर्ड फ्लू का कहर, आइये जानते है बचाव के तरीके एवं उपाय।

कोरोना महामारी अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि बर्ड फ्लू के खौफ ने दस्तक दे दी और लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया आखिर क्या है? बर्ड फ्लू जो इतने बड़े पैमाने पर भारत ही नहीं पूरे विश्व में अपना कहर फैला रहा है।

आज एक सवाल नॉनवेज खाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के जहन में चल रहा है क्या सुरक्षित है? और क्या नहीं? अंडा खाना सही है या चिकन खाना इन्हीं विषम समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भारत वासियों के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एक विशेष दिशा निर्देश जारी किए हैं इसमें न केवल नॉनवेज खाने वाले व्यक्ति बल्कि मुर्गी पालन से लेकर उससे संबंधित व्यवसाय के लिए भी विशेष सावधानियां बरतने के निर्देश दिए गए हैं। नॉन वेज खाने वाले व्यक्ति से विशेष अनुरोध किया गया है कि चिकन या अंडे का सेवन करते समय उसको उचित तापमान पर पकाएं एवं खुले में ना छोड़े। वही अंडों को लेकर भी विशेष सावधानियां बरते, जैसे अंडा पूरी तरह पका हो एगपॉच या आधा पका अंडा एवं कच्चा अण्डा हमारे स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है वहीं खाद्य व्यवसायियों से भी अनुरोध किया गया है की चिकन अथवा मटन किसी भी तरह के मांस को खुले में ना रखें एवं मांस को नग्न हाथों से ना छुएं तथा उपभोक्ताओं को भी हाथों से छूने से मना करें।

मुर्गी पालन एवं मांस बेचने वाले व्यवसायियों से अपील भी की गई है कि यदि मुर्गे अथवा किसी पंछी की अचानक अत्यधिक एवं निरंतर मौत हो रही हो तो उसका कारण तुरंत ही जानकर उचित व्यवस्था करनी चाहिए।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अनुसार किस प्रकार का मांस खाना सुरक्षित हैः-

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि पोल्ट्री फॉर्म से आने वाला मांस व अंडे पूरी तरह सुरक्षित हैं, बशर्ते यदि वह पूरी तरह से पके हो अर्थात विज्ञान का मानना है कि मांस को अच्छी तरह से पका कर खाने से कोई महामारी नहीं फैलती है यदि उसे संबंधित रखरखाव और सावधानियां बरती जाये।

बर्ड फ्लू महामारी के दौरान लोगों को अधपके अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए। वही चिकन भी अच्छी तरह पका लेना चाहिए।

आइए जानते हैं कि भारत में किन किन राज्यों में बर्ड फ्लू बड़े स्तर पर अपना कहर बरपा रहा हैः-

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने बीते शनिवार को एक बयान में यह कहा कि 23, जनवरी, 2021 तक 9 राज्यों केरल, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, पंजाब के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में मुर्गी पालन के लिए एवियन इनफ्लुएंजा (बर्ड-फ्लू) की पुष्टि की गई है।

जिससे कई प्रकार के प्रवासी पक्षी भी अपनी जान गवा चुके हैं वही दिन प्रतिदिन कौवे व अन्य जंगली पंछी भी बर्ड फ्लू का शिकार हो चुके हैं।

संपूर्ण विश्व भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की अपीलः-

मांस व अंडा कम पका अथवा भाप में पका हुआ ना खाएं। इसके साथ-साथ बर्ड फ्लू के प्रकोप वाले क्षेत्रों में निर्यात पूर्णतया बंद करवा करके उसकी उचित व्यवस्था की जाए। जिससे उसको बाहर फैलने से रोका जा सके।

कच्चे मांस को लेते समय विशेष सावधानियां बरतें।

मांस पूरी तरह ढका हुआ हो अथवा आसपास साफ-सफाई हो किसी भी प्रकार के मृत पंछी को मृत अवस्था में नंगे हाथों से ना छुएं और ना ही उसका सेवन करें।

चिकन या अंडे खरीदने से लेकर बनाने तक सम्पर्क में वाले सभी बर्तनों को अच्छी तरह धोकर रखें जिससे उसमें किटाणु नष्ट हो जाये।

चाकू और कटिंग बोर्ड को भी प्रत्येक पंछियों का काटने और मरने के बीच में साफ करते रहे और आसपास एकत्रित कचरा भी समय अनुसार साफ करवा कर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव कराते रहे तभी इस बर्ड फ्लू जैसी महामारी से बचा जा सकता है।

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