कोरोना काल के बाद महंगाई की मार, बिगड़ा घर का बजट

कोरोना काल के बाद महंगाई की मार, बिगड़ा घर का बजट

कोरोना काल के बुरे दौर के बाद जनजीवन पिछले कई माह से पूरी तरह से सामान्य हो चुका है वहीं बढ़ रही महंगाई लोगों के घर का बजट बिगाड़ रही हे। आटा, तेल से लेकर दूध तक के दाम बढ़ चुके हैं। इस स्थितियों के बीच डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस के दाम बढऩे की आशंकाओं ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों ने जहां विषम परिस्थितियों का सामना किया वहीं बीमारी में उनका खर्च भी कई गुना हुआ। इसी दौर में कई लोगों के कामकाज ठप हो गए, कई लोगों की नौकरियां छूट गई और आर्थिक तंगी जैसी स्थिति बन गई। कुछ माह से यह स्थितियां सामान्य हो रही हैं लेकिन लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना को बढ़ रही महंगाई खत्म कर दिया। खाद्य सामग्रियों के दामों में लगातार बढ़ोतरी का दौर जारी है। करीब एक पखवाड़े पहले रूस-यूक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद आटा, तेल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं एक मार्च से दुग्ध विक्रेताओं ने दो रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। ऐसे में यदि कोई परिवार रोजाना एक लीटर दूध लेता है तो उसे हर माह अतिरिक्त 60 रुपए देना होंगे। गृहिणी सिमरन शर्मा ने कहा कि कोरोना की परेशानी के बाद जब लोगों को सामान अपेक्षाकृत सस्ता मिलना चाहिए था तब तो लगातार महंगा होता जा रहा है। कारण कुछ भी हो, आम आदमी का जीवन-यापन मुश्किलों भरा होता जा रहा है। महंगाई बढऩे से लोगों ने खरीदी की कम : महंगाई का असर बढऩे से लोगों ने खरीदी कम कर दी है। कई ऐसे परिवार जो पहले 15 लीटर तेल का डिब्बा खरीदते थे वे अब पांच लीटर का डिब्बा खरीदकर ले जा रहे हैं। वहीं आटे की बोरी की खरीदी में भी कमी देखी जा रही है। दिक्कत यह हे कि अब गेंहू भी 400-500 रुपए तक महंगा हो गया है। ऐसे में राहत गेंहू खरीदकर पिसवाने में भी नहीं है। सरसों तेल पर महंगाई का अधिक असर नहीं : सूरजमुखी, सोयाबीन का तेल विदेशों से भी आयात होता है। ऐसे में इनके दामों में अधिक बढ़ोतरी रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद देखने को मिली है। इसकेक उलट सरसों तेल देश में ही अधिकांंश उत्पादन होने से इसके दामों में अधिक बदलाव नहीं आया है। किराना व्यापारियों ने बताया पिछले दिनों में सरसों तेल के कुछ ब्रांड में दाम तीन-चार रुपए कम हुए हैं। किराना व्यापारियों से मिली जानकारी के अनुसार बाजार में आटा 24 रुपए प्रति किलो मिल रहा था जो बढ़कर 28 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। वहीं जीरा पिछले माह 160 रुपए किलो तक था जो बढ़कर 250 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। सूरजमुखी का तेल 140 रुपए लीटर मिल रहा था वो बढ़कर 170 रुपए तक पहुंच गया है। इसी तरह सोयाबीन 125 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 160 तक के पार पहुंच गया है। हींग के दाम भी में प्रति किलो चार हजार रुपए की बढ़त दर्ज की गई है। पहले हींग 16000 रुपए किलो मिल रही थी जो अब बढ़कर बीस हजार रुपए किलो तक पहुंच गई है। 

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