प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज में मरीज की मौत पर हंगामा, डॉक्टर पर लगा संगीन आरोप

प्रतापगढ़। सड़क दुर्घटना में घायल युवक की मेडिकल कालेज में मौत हो गई। आपरेशन थियेटर में डाक्टर उसके आपरेशन की तैयारी कर रहे थे। तभी उसकी सांस तेज हो गई। डाक्टरों का कहना है कि हालत गंभीर होने पर मरीज को प्रयागराज रेफर कर दिया। परिजन एंबुलेंस बुलाकर उसको उसमें लिटा दिए। इसी बीच उसकी मौत हो गई। मौत के बाद लोगों ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मांधाता थाना के डांडी गांव का रंजीत चार दिन पूर्व सड़क दुर्घटना में घायल हो गया। जिसमें उसका कूल्हा खिसक गया था। उसे राजा प्रताप बहादुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार को उसके खिसके कूल्हे को बैठाने के लिए डाक्टर सचिन के कहने पर उसे ओटी में लाया गया। सूत्र बताते हैं कि ओटी में लाते ही उसे दौरे पड़ने लगे। सूचना पाकर डाक्टर सचिन ओपीडी से भागकर ओटी में पहुंचे। उसको आक्सीजन की नली लगाई गई। परिजनों को बुलाकर मरीज की हालत के बारे में अवगत कराते हुए प्रयागराज ले जाने की सलाह दी। परिजनों ने फोन करके एंबुलेंस बुलाया। उसमें रंजीत को लिटाया गया।

बताया जाता है कि बाद में उसकी मौत हो गई। वहां मौजूद लोगों के अनुसार परिजन यह नहीं तय कर पा रहे थे कि प्रयागराज जाए की सुल्तनापुर। इसी चक्कर में काफी लेट हो गया। जब एम्बुलेंस चली तो कुछ लोग आगे आ गए और उसे रोक लिया। इस बीच मरीज की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि मरीज पहले ही मर चुका था। हालांकि हंगामे के बाद पुलिस पहुंच गई। इस बारे में डाक्टर सचिन कुमार का कहना है कि आपरेशन नहीं हुआ था। उसके पहले ही ओटी में उसको दौरे पड़ने लगे। उसे रेफर किया गया। इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई है। आरोप बेबुनियाद है। पुलिस का कहना है कि उन्हें परिजनों की तरफ से कोई तहरीर नहीं मिली है।
मेडिकल कॉलेज में मरीजों को मिलेगी सीटी स्कैन की सुविधा:
सीटी स्कैन की सुविधा न होने से परेशान जिले के मरीजों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही उनके अपने मेडिकल कालेज डाक्टर सोने लाल पटेल से संबद्ध राजा प्रताप बहादुर अस्पताल में ही इसकी सुविधा होगी। शासन से सीटी स्कैन मशीन मांगी है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की तरफ से इस आशय का मांग पत्र जा चुका हैं। उम्मीद है कि मशीन अप्रैल माह में लग जायेगी। मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भी मरीजों के हित की कुछ सुविधाएं अभी भी नहीं मिल पा रही है। जिसमें सीटी स्कैन मशीन भी शामिल हैं। इसके अभाव में गम्भीर रोगियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। उन्हें पहले की तरह ही गैर मेडिकल कालेज के चक्कर लगाने पड़ रहें हैं।
हालांकि प्राइवेट की सुविधा कुछ केन्द्रों पर है। लेकिन वे मोटी फीस वसूलते है। समय पर सीटी न होने पर जरूरतमंद मरीज इलाज के अभाव में मर जाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। मरीजों को सीटी स्कैन मशीन की सुविधा मिले इसके लिए मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने अच्छी पहल की है। उन्होंने इसके न होने से मरीजों को आ रही समस्या के बारे में अवगत कराते हुए शासन और निदेशालय को पत्र भेजकर मशीन की डिमांड की है।
प्राइवेट में हजार से दो हजार है शुल्क:
सीटी स्कैन मशीन लगाने वाले प्राइवेट जांच केंद्र स्कैन के लिए एक हजार से लेकर दो हजार तक भी वसूल ले रहे हैं। गरीब मरीज के पास पैसे नहीं होते हैं। उसके लिए तो सरकारी अस्पताल का ही सहारा होता है।
क्या कहते हैं प्रिंसिपल:
इस बारे में मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ सलिल कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अप्रैल माह में राजा प्रताप बहादुर अस्पताल में सीटी मशीन की सुविधा हो जायेगी। शासन को पत्र भेजा गया है।
Tag: #nextindiatimes #medical #college #patients #administration #hospital #private #ctscan #treatment