उम्मीदों को झटका: फिलहाल नहीं सस्ता होने जा रहा है पेट्रोल-डीजल, जानिए वजह?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जब तक केंद्र सरकार और राज्य सरकारें चर्चा नहीं करते हैं तब तक इसका कोई समाधान संभव नहीं है।

पेट्रोल और डीजल के बढ़े दामों की वजह से महंगाई से जूझ रही जनता को अभी फिलहाल सरकार की तरफ से कोई भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर सोमवार को कहा है कि यह बात सही है कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से लोग चिंतित हैं। लोगों का चिंतित होना भी जायज है लेकिन जब तक केंद्र सरकार और राज्य सरकारें चर्चा नहीं करते हैं तब तक इसका कोई समाधान संभव नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा है कि एक्साइज ड्यूटी में कोई कटौती नहीं की जा सकती है।

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर बात करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, सरकारी खजाने पर पूर्व की यूपीए सरकार की तरफ से जारी किए गए तेल बांडों के लिए किए जा रहे ब्याज भुगतान का बोझ है। सरकार ने अभी तक केवल ऑयल बॉन्ड पर पिछले पांच साल में 62 हजार करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि साल 2026 तक सरकार को अभी 37 हजार करोड़ रुपये का भुगतान और करना पड़ेगा। 

वित्त मंत्री ने बताया कि ये ब्याज भुगतान के बावजूद 1.30 लाख करोड़ से अधिक का मूलधन अभी भी सरकार पर बकाया है। अगर तेल बॉन्ड का बोझ सरकार पर नहीं होता तो ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम किया जा सकता था। वित्त मंत्री ने वाहन ईंधन की कीमतों पर वर्तमान में बनी ऐसी स्थिति के लिए पूरी तरह के कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। 

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