प्रधानमंत्री के नाम पर ही चुनाव लड़ेगी भाजपा

भोपाल। भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने रखकर विधानसभा चुनाव लडऩे की रणनीति को आगे बढ़ा रही है। विधानसभा चुनाव वाले नौ राज्यों में प्रधानमंत्री के अधिक से अधिक दौरे होने वाले हैं। इन राज्यों में मध्यप्रदेश भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री जी-20 के इवेंट, इंदौर और भोपाल मेट्रो के शुभारंभ मौके पर तथा ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की 108 फीट प्रतिमा का लोकार्पण करने आने वाले हैं।

मध्य प्रदेश में चुनाव अधिसूचना अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में जारी होगी। इसके पहले प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश के कम से कम छह दौरे करेंगे। प्रदेश भाजपा इन दौरों का पूरा लाभ उठाने की तैयारी कर रही है। कमजोर सीटों पर फोकस करने और बूथ मैनेजेंट को मजबूत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य केंद्रीय मंत्रीगण लगातार मध्य प्रदेश के दौरे करेंगे। सूत्रों के अनुसार देश के चुनावी पैटर्न का रिसर्च करने के बाद भाजपा के थिंक टैंक ने विधानसभाओं के चुनाव अभियान की रणनीति बदल दी है। भाजपा एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को कम करने के लिए विधानसभा चुनावों में भी राष्ट्रीय मुद्दों पर लगातार फोकस करेगी।

उत्तर हिमाचल और गुजरात में भी भाजपा ने ऐसा ही किया। हिमाचल प्रदेश में जरूर उसे पार्टी के बागियों के कारण सत्ता गंवानी पड़ी लेकिन भाजपा का वोटर शेयर वहां जरा भी कम नहीं हुआ। पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के कारण हुआ अन्यथा हिमाचल में भाजपा का सफाया हो जाता। सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश में मिशन 2023 में भाजपा ने जो रणनीति बनाई है वह 2018 के मुकाबले बिल्कुल अलग है। इस रणनीति के केंद्र बिंदु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जिन्हें सामने रखकर भाजपा साढ़े अठारह वर्ष की एंटी इनकंबेंसी को बेअसर करना चाहती है।

भाजपा के रणनीतिकारों का आंकलन है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता किसी भी मुख्यमंत्री या राज्यों के नेता के मुकाबले अधिक है। पार्टी इसका लाभ लेना चाहती है। मप्र और गुजरात में इसकी विशेष रूप से आवश्यकता है क्योंकि इन दोनों राज्यों में पार्टी लंबे समय से सत्ता में है। इस कारण से एंटी इनकंबेंसी फैक्अर परिणामों को प्रभावित कर सकता है। 2018 में पार्टी इनकंबेंसी फैक्टर का असर देख चुकी है। इस बार ये फैक्टर कमजोर पड़े इसकेक लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी की अखिल भारतीय स्तर पर लोकप्रियता 67 फीसदी आंकी गई है। मप्र में भी इसी अनुपात में प्रधानमंत्री लोकप्रिय हैं। भाजपा प्रधानमंत्री को आगे रखकर लाभार्थी वोट बैंक को भी भुनाना चाहती है। लाभार्थी वोट बैंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना से लाभान्वित करोड़ों परिवारों से बना है, मप्र में भी विभिन्न योजनाओं के कारण करीब दो करोड़ परिवार लाभान्वित हुए। भाजपा चाहती है कि नरेंद्र मोदी पर फोकस कर इस वोट बैंक को अधिकतम रूप से भुनाया जाए।

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