निखत बानो मिलनकांड में हुई एक और गिरफ्तारी

चित्रकूट। जिला जेल में मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो से गैरकानूनी ढंग से मुलाकात मामले में पुलिस ने एक और गिरफ्तारी की है। पुलिस ने वाराणसी के शहबाज आलम को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसके माध्यम से छह माह में 179 लाख का ट्रांजैक्शन हुआ है।

रविवार को डीआईजी डाॅ विपिन कुमार मिश्र व एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि विवेचना में सामने आया कि पिछले छह माह के अंदर इन खातों में दो बार में 92 लाख और 87 लाख का ट्रांजैक्शन किया गया है। पूंछतांछ में शहबाज ने बताया कि अब्बास के गुर्गे उसे कैश पहुंचाते थे। यह भी बताते थे कि किसके खाते में पैसा डालना है। वह उन खातों में रुपये भेज देता था। इन रुपयों का उपयोग जेल अधिकारियों को नगद या उपहार का लालच देकर अपने लिए जेल में सुविधाएं उपलब्ध कराना, वकीलों और दलालों को अपने मुकदमों की पैरवी के लिए पैसे देना व अवैध कामों में खर्च करने में किया जाता रहा है।

गौरतलब है कि 10 फरवरी को डीएम और एसपी ने जिला जेल की औचक जांच में पाया था कि अब्बास अंसारी और उसकी पत्नी निखत बानो की मुलाकात कराई जा रही थी। पता चला था कि ये दोनों गैरकानूनी ढंग से कई महीने से मिल रहे थे और इसमें कुछ सहयोगियों के साथ जेल के कुछ कर्मचारियों-अधिकारियों की मिलीभगत भी है। इस संबंध में कोतवाली में धारा 387, 222, 186, 506, 201, 120बी, 195ए, 34 आईपीसी, 42बी, 54 प्रिजनर्स व सेवन सीएलए एक्ट के साथ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में दंपति, उसके चालक नियाज, सहयोगियों व जेल अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। अभी तक सहयोग के आरोप में फराज खान, नवनीत सचान के अलावा जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर, जेलर संतोष कुमार, डिप्टी जेलर चंद्रकला, जेल वार्डर जगमोहन को गिरफ्तार किया जा चुका है।

रविवार को पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि विवेचना के दौरान यह प्रकाश में आया कि कैंटीन ठेकेदार नवनीत सचान के खाते में अब्बास अंसारी के कहने पर जो रुपये डाले गए थे, उसमें शहबाज आलम पुत्र शाहिद आलम निवासी अर्दली बाजार थाना कैंट वाराणसी की भूमिका अहम है। एसपी के अनुसार यह युवक वाराणसी में एक सीए के कार्यालय में काम करता है और उसके दो बेनामी खाते संचालित किए जा रहे थे। जांच में यह भी पता चला कि नवनीत सचान के खाते में दो लाख रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ। बीते दिन कोतवाली प्रभारी दीपेंद्र कुमार सिंह, उप निरीक्षक राधेश्याम सिंह, आरक्षी रोहित सिंह और पीयूष शरण श्रीवास्तव ने इसे गिरफ्तार किया।

पुलिस की मानें तो इस पूरे मामले में मनी लांड्रिंग का भी मामला सामने आ रहा है। रुपये के लेनदेन में शेल कंपनियों का भी रोल रहा है। एसपी ने बताया कि इन बेनामी खातें के अतिरिक्त कुछ शेल कंपनियां भी पाई गई हैं। जिनमें कैश जमा करके इधर उधर लेनदेन किया जाता था। बताया कि यह गिरोह मऊ जिले के अलावा गाजीपुर, वाराणसी, आजमगढ़, जौनपुर, दिल्ली समेत अन्य शहरों में भी अब्बास अंसारी के लिए काम करता है।

एसपी ने बताया कि लेनदेन का जिम्मा नियाज और उसके सहयोगी संभालते थे। इतनी बड़ी धनराशि के ट्रांजैक्शन से अवैध स्रोतों से कमाई के आरोपों को बल मिला है। बताया कि इस मामले में आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय से भी मदद ली जाएगी।

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