69000 सहायक शिक्षक भर्ती: हाईकोर्ट का यूपी सरकार को झटका, अखिलेश ने किया हमला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद से यूपी की सियासत गरमा गई है। एक तरफ इसके अभ्यर्थी प्रदर्शन पर उतर आए हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने भी योगी सरकार पर हमले शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।
अखिलेश यादव जो लगातार जातीय जनगणना की बात कर रहे हैं, उन्होंने इस मुद्दे को भी अपनी उसी मांग से जोड़ दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा दलित-पिछड़ों का हक मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फंसाती है। कहा कि जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके।
बता दें हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक साल पहले 5 जनवरी 2022 को जारी हुई शिक्षकों की चयन सूची को भी रद्द कर दिया है। बेंच ने कहा है कि आरक्षण की सीमा किसी भी परिस्थिति में कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि जाहिर है, आरक्षित श्रेणी के जो अभ्यर्थी एटीआरई 2019 में उपस्थित हुए थे, उनके स्काेर और विवरण की कोई स्पष्टता नहीं थी। राज्य के अधिकारियों ने भी कोई प्रयास नहीं किया, साथ ही उनके पास ऐसा कोई रिकॉर्ड भी नहीं है जो भर्ती में मदद करे।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब तक राज्य के अधिकारी चयन सूची को संशोधित नहीं करते हैं, इस मामले में पहले से नियुक्ति पा चुके और वर्तमान में एटीआरई 2019 के अनुसरण में विभिन्न जिलों में सहायक शिक्षक के तौर पर काम कर रहे अभ्यर्थी अपने पदों पर काम जारी रखेंगे।
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